नई दिल्ली: अफगानिस्तान में अपना नियंत्रण कर चुके तालिबान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा कि काबुल में दूतावासों की सुरक्षा हमारे लिए महत्वपूर्ण है। हम सभी विदेशी देशों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि हमारे बल सभी दूतावासों, मिशनों, अंतरराष्ट्रीय संगठनों और सहायता एजेंसियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मौजूद हैं। तालिबान महिलाओं को इस्लाम के आधार पर उनके अधिकार प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। महिलाएं स्वास्थ्य क्षेत्र और अन्य क्षेत्रों में जहां जरूरत हो वहां काम कर सकती हैं। महिलाओं के साथ कोई भेदभाव नहीं होगा।
'हर किसी को माफ कर दिया'
मुजाहिद का कहना है कि विदेशी दूतावासों की सुरक्षा उनके लिए अहम है और वे यह संकल्प लेते हैं कि दूतावास पूरी तरह सुरक्षित रहेंगे। इस्लामिक अमीरात दुनिया के तमाम देशों से वादा कर रहा है कि अफगानिस्तान से किसी देश को कोई खतरा नहीं होगा। तालिबान के प्रवक्ता ने पहले संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अफगानिस्तान अब मुक्त हो गया है और समूह कोई बदला नहीं लेना चाहता है। देश पर उसके कब्जे के बाद हर किसी को माफ कर दिया गया है और राजनीतिक वार्ता जारी है।
उसने कहा, 'वे चाहते हैं कि सभी मीडिया संस्थान अपनी गतिविधियां जारी रखें। उनके पास तीन सुझाव हैं: कोई भी प्रसारण इस्लामी मूल्यों के विपरीत नहीं होना चाहिए, उन्हें निष्पक्ष होना चाहिए, किसी को भी ऐसा कुछ भी प्रसारित नहीं करना चाहिए जो हमारे राष्ट्रीय हितों के खिलाफ हो।'
पहले के और अब के तालिबान में क्या अंतर
1990 के दशक के तालिबान और आज के तालिबान के अंदर बारे में सवाल के जवाब में जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि विचारधारा और विश्वास समान हैं क्योंकि वे मुसलमान हैं, लेकिन अनुभव के संदर्भ में एक बदलाव है- वे अधिक अनुभवी हैं और उनके पास है एक अलग दृष्टिकोण है। उन्होंने कहा कि हम एक ऐसी सरकार स्थापित करना चाहते हैं जिसमें सभी पक्ष शामिल हों।
मुजाहिद ने कहा, 'हम अपने पड़ोसियों और क्षेत्रीय देशों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि हम अपने क्षेत्र का इस्तेमाल दुनिया के किसी भी देश के खिलाफ नहीं होने देंगे। वैश्विक समुदाय को निश्चिंत होना चाहिए कि हम प्रतिबद्ध हैं कि आपको हमारी धरती से किसी भी तरह से नुकसान नहीं होगा।'