वाशिंगटन : अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा है कि उनके देश ने तालिबान के साथ अपनी हर बैठक में नौसेना के वरिष्ठ अधिकारी मार्क फ्रेरिच की रिहाई का मुद्दा उठाया है। मार्क को अफगानिस्तान में करीब दो साल पहले बंधक बनाया गया। प्रवक्ता ने कहा कि तालिबान अपने लिए जो वैधता की मांग कर रहा है उस पर विचार करना तब तक संभव नहीं है जब तक कि वह अमेरिकी नागरिक को रिहा नहीं कर देता।
अफगानिस्तान में दो साल पहले अगवा हुए मार्क
मार्क को अगवा हुए सोमवार को दो साल पूरे हो गए। इस मौके पर प्राइस ने एक बयान में कहा, 'मार्क को अगवा हुए कल दो साल हो जाएंगे। मार्क सिविल इंजीनियर हैं। वह अफगानिस्तान के नागरिकों की भलाई के लिए निर्माण परियोजनाओं में मदद कर रहे थे इसी दौरान उन्हें बंदी बना लिया गया। मार्क बेकसूर हैं, बावजूद इसके तालिबान एवं उसके सहयोगियों ने उन्हें बंधक बनाकर रखा है। तालिबान के साथ होने वाली प्रत्येक बैठक में हमने मार्क की रिहाई का मुद्दा उठाया है।'
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मार्क पर कोई रियायत नहीं-प्रवक्ता
प्रवक्ता ने कहा कि हमने तालिबान को बताया कि जो वैधता पाने की वह मांग कर रहा है, उस पर विचार तब तक संभव नहीं है जब तक कि वह अमेरिकी नागरिक को रिहा नहीं कर देता। मार्क की रिहाई का मसला हमारी प्रमुख मांगों में से एक है। इस पर कोई रियायत नहीं दी जा सकती। हम इस बारे में तालिबान नेतृत्व को स्पष्ट संदेश भेजना जारी रखेंगे। उसे मार्क को तुरंत एवं सुरक्षित रिहा करते हुए बंधक बनाने वाली अपनी सोच से दूर रहना चाहिए।
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अफगानिस्तान में है तालिबान का राज
अमेरिका का यह बयान ऐसे समय आया है जब अफगानिस्तान में जरूरी वस्तुओं की किल्लत बनी हुई है और वहां मानवीय संकट गहरा गया है। गत अगस्त में अमेरिकी सेना की अफगानिस्तान से पूरी तरह से वापसी हो गई। इसके बाद वहां तालिबान का राज कायम है। दुनिया के देशों ने तालिबान के शासन को मान्यता देने से इंकार कर दिया है।