नई दिल्ली: फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने पाकिस्तान को बढ़ी हुई निगरानी (ग्रे लिस्ट) के तहत बरकरार रखा है। आतंक वित्तपोषण की निगरानी करने वाली संस्था वित्तीय कार्रवाई कार्यदल (FATF) ने गुरुवार को कहा कि पाकिस्तान अभी उसकी 'ग्रे (संदिग्ध) लिस्ट' में ही बरकरार रहेगा क्योंकि उसे यह बताना होगा कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकियों जैसे हाफिज सईद और मसूदद अजहर और उनके नेतृत्व वाले समूहों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। सईद और अजहर भारत के वांछितों की लिस्ट में भी हैं।
एफएटीएफ ने 'ग्रे लिस्ट' की सूची में तुर्की को भी शामिल कर लिया है। अपनी ब्रीफिंग में एफएटीएफ के अध्यक्ष मार्कस प्लीयर ने कहा कि इस 'ग्रे लिस्ट' में कुछ नए देशों को शामिल किया गया है जिनमें तुर्की, जॉर्डन और माली हैं। 'ब्लैक लिस्ट' वाले देशों में उत्तर कोरिया और ईरान का नाम है। तुर्की के 'ग्रे लिस्ट' में शामिल होना पाकिस्तान के लिए झटका क्योंकि यह देश अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान का समर्थन करता है।
इसकी की घोषणा गुरुवार को FATF के अध्यक्ष मार्कस प्लीयर ने की। प्लायर ने कहा कि पाकिस्तान सरकार के पास 34 प्वाइंट एक्शन प्लान है जिसमें से 30 आइट्स है। उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान ने बड़े पैमाने पर 30/34 आइट्स को बताया है, सबसे हालिया एक्शन प्लान जो इस साल जून में मनी लॉन्ड्रिंग पर केंद्रित थी। FATF ने ग्रे लिस्ट से हटाए जाने पर मॉरीशस और बोत्सवाना को भी बधाई दी।
एफएटीएफ के अध्यक्ष मार्कस प्लेयर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि संगठन के ऑनलाइन पूर्ण अधिवेशन के समापन पर यह फैसला लिया गया। प्लेयर ने कहा कि पाकिस्तान की कार्रवाई योजना को लेकर FATF चाहता है कि पाकिस्तान की तरफ से आतंक वित्त पोषण के खिलाफ की जाने वाली जांच प्रदर्शित हो और संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकी नेताओं और उनके सहयोगियों के खिलाफ कर्रवाई की जाए। प्लेयर ने पेरिस से ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि पाकिस्तान एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में बरकरार रहेगा।