अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बिडेन के साथ नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के शपथ ग्रहण समारोह में भारतीय रंगोली खास तौर पर दिखाई देगी। तमिलनाडु में रंगोली को कोलम के नाम से जाना जाता है। शपथ ग्रहण का वो मौका यादगार होगा। यादगार इसलिए कि भारतीय मूल की पहली अमेरिका के दूसरे नंबर वाली पायदान पर आसीन होगी।
कैपिटल हिल के सामने रंगोली
नए काम की शुरुआत या शुभ दिन में रंगोली का अपना ही महत्व है। बिना रंगों के हर खुशी अधूरी मानी जाती है। भारतीय संस्कृति में हर छोटे बड़े उत्सव को लोग उत्साह से मनाते हैं, अब चुंकि कमला हैरिस इतनी बड़ी जिम्मेदारी निभाने जा रही हैं तो उत्साह और बढ़ जाता है।
यह एक लोक कला है जो शुभ अवसरों पर घर के फर्श को सजाने के लिए भी बनाई जाती है। रंगों के अलावा लोग फूलों की रंगोली भी बनाते हैं जिसे पुकोलम कहते हैं। इसे मुख्य रूप से घर के द्वार पर बनाना शुभ माना जाता है।
पहले बताया जा रहा था कि रंगोली को व्हाइट हाउस के बाहर बनाया जाएगा लेकिन बाद में इसे कैपिटल हिल के बाहर बनाने की अनुमति दी गई। रंगोली को भव्य रूप देने के लिए हजारों की संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। अमेरिका और भारत के करीब 1,800 से अधिक लोग रंगोली का डिजाइन बनाने के लिए हिस्सा ले रहे हैं। इस कार्यक्रम से जुड़े मल्टीमीडिया कलाकार का कहना है कि गों का मानना है कि कोलम सकारात्मक ऊर्जा और नई शुरुआत का प्रतीक है।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
20 जनवरी को बिडेन की शपथ ग्रहण के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गए हैं ताकि किसी तरह की बाधा न आए। यह शपथ ग्रहण इसलिए भी खास है क्योंकि भारतीय मूल की कमला हैरिस भी कमान संभालने वाली हैं। उपराष्ट्रपति पद जैसे शीर्ष पद पर पहुंचने वाली कमला हैरिस की मां भारतीत थीं और वो तमिलनाडु से आती थीं। कमला हैरिस की इस कामयाबी पर तमिलनाडु में भी खुशी का माहौल है।