इधर मां कर रही थी दफनाने की तैयारी उधर ताबूत में जिंदा हो गई बेटी

परिवार वालों का कहना है कि जब वो बीमार बच्ची को लेकर हॉस्पिटल पहुंचे तो डॉक्टरों ने इलाज में लापरवाही बरती। बच्ची के पैरेंट्स अब हॉस्पिटल के खिलाफ केस करने की तैयारी कर रहे हैं।

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तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है  |  तस्वीर साभार: Representative Image
मुख्य बातें
  • डॉक्टर ने बच्ची को कर दिया था मृत घोषित
  • मरने के अगले दिन जिंदा हो उठी लड़की
  • परिवार वाले डॉक्टर पर लापरवाही का लगा रहे हैं आरोप

अब इसे डॉक्टरों की लापरवाही कहिए या फिर चमत्कार जिस तीन साल की लड़की को अस्पताल ने मरा हुआ घोषित कर दिया था, वो अगले दिन जिंदा हो उठी। वो भी तब जब परिवार वाले उसे दफनाने की तैयारी कर रहे थे।

घटना मेक्सिको की है। जहां एक बच्ची की तबीयत जब बिगड़ी तो घर वाले इलाज के लिए उसे अस्पताल ले गए। जहां इलाज के दौरान डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया, इसके बाद बच्ची को घर वाले अंतिम संस्कार के लिए घर लेकर आ गए। अगले दिन जब शव को दफनाने की तैयारी हो रही थी, तो बच्ची ताबूत में ही जिंदा हो गई। जिसके बाद उसे फिर से अस्पताल ले जाया गया, जहां कुछ देर बाद उसकी फिर से मृत्यु हो गई।

न्यूयॉर्क पोस्ट ने मां के हवाले से बताया कि अस्पताल के स्टाफ ने बच्ची को ऑक्सीजन देने में काफी वक्त लगा दिया था। मां के अनुसार वो लोग बच्ची को बचानेे के लिए एक जगह से दूसरी जगह भटकते रहे लेकिन उसकी स्थिति में सुधार नहीं हुआ। आखिर में लड़की की जब मौत हो गई तो डॉक्टरों ने इसके लिए डिहाइड्रेशन को जिम्मेदार ठहराया।

अगले दिन, जब अंतिम संस्कार की तैयारी की जा रही थी, तो मां को कुछ आशंका हुई लेकिन लोगों को लगा कि उसे भ्रम हुआ है। लेकिन जब लड़की की दादी ने भी बच्ची की आंख को हिलते हुए देखा तो पाया कि बच्ची की नब्ज चल रही है। इसके बाद सभी लोगों को विश्वास हुआ कि लड़की जिंदा है। 

इसके बाद लड़की को फिर से अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे बचाने की कोशिश की लेकिन वो नाकाम रहे। लड़की एक बार फिर से मृत घोषित कर दी गई। अब बच्ची की मां उन डॉक्टरों के खिलाफ मुकदमा लड़ने की तैयारी कर रही है, जिन्होंने लड़की को पहली बार मृत घोषित किया था।

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