वाशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए मंगलवार को पहली प्रेसिडेंशियल बहस हुई। इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति एवं रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप की डेमोक्रेट पार्टी के उम्मीदवार जो बिडेन के साथ कई मुद्दों पर गर्मागरम एवं तीखी बहस देखने को मिली। दोनों नेताओं के बीच सुप्रीम कोर्ट में रिक्त पद, कोविड-19 संकट, नस्लीय हिंसा, स्वास्थ्य सुविधा और जलवायु परिवर्तन मुद्दे पर तीखी बहस हुई। ट्रंप और बिडेन एक दूसरे पर निजी हमला करते भी पाए गए। बिडेन ने आरोप लगाया कि राष्ट्रपति बनने के अपने शुरुआती दो सालों में ट्रंप ने केवल 750 डॉलर का टैक्स भरा है जबकि रिपब्लिकन उम्मीदवार ट्रंप ने बिडेन पर उनके बेटे के यूक्रेन संबंधों को लेकर घेरा।
कोरोना पर बहस में आया भारत का नाम
इस बहस में भारत का नाम भी आया। दरअसल, अमेरिका में कोविड-19 संकट पर अपनी बात रखते हुए ट्रंप ने भारत का जिक्र किया। ट्रंप ने दावा किया कि कुछ देशों ने वायरस से हो रही मौतों के बारे में सही आंकड़ा नहीं दिया है। उन्होंने कहा, 'भारत, रूस और चीन ने कोविड-19 से हो रही मौतों का सही आंकड़ा नहीं दिया है।' अमेरिका राष्ट्रपति पद के लिए आगामी तीन नवंबर को मतदान होगा। इससे पहले राष्ट्रपति पद के दोनों उम्मीदवारों के बीच तीन बार डिबेट होनी है। ट्रंप और बिडेन के बीच अगली डिबेट 15 अक्टूबर और फिर 22 अक्टूबर को होगी। उप राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों उप राष्ट्रपति माइक पेंस और सीनेटर कमला हैरिस के बीच डिबेट सात अक्टूबर को होनी है।
बीच-बीच में बोलते रहे ट्रंप
इस बहस के दौरान ट्रंप कई बार बिडेन को टोकते और रोकते नजर आए। डिबेट के संचालक क्रिस वैलेस ट्रंप को अपनी बारी का इंतजार करने का अनुरोध किया। एक मौके पर बिडेन ने ट्रंप पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, 'क्या आप अपना मुंह बंद रखेंगे?'
'आप में ऐसा करने का साहस नहीं है'
कोविड-19 संकट पर बिडेन के आरोपों का जवाब देते हुए ट्रंप ने कहा, 'यदि इस संकट को आप पर छोड़ दिया गया होता तो अब तक लाखों लोगों की जान चली गई होगी...हमने जिस तरह से इस संकट का सामना किया है आप वैसा नहीं कर पाते। आप में ऐसा करने का साहस नहीं है।' ट्रंप ने कहा कि अमेरिका में कोरोना से मौत का आंकड़ा अन्य देशों से कम है। उन्होंने कहा, 'भारत, रूस और चीन ने अपने यहां कोविड-19 से होने वाली मौतों का सही आंकड़ा नहीं दिया।' चर्चा के दौरान बिडेन ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप यह जानते हुए भी कि यह संकट कितना बड़ा है उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया। बिडेन ने कहा, 'राष्ट्रपति ट्रंप या तो डर गए या उन्हें स्टॉक मार्केट की चिंता सताती रही।'