क्या पाकिस्तान जैसी हो जाएगी तुर्की की हालत? ब्रेड खरीदने के लिए लग रही लंबी कतारें 

दुनिया
आलोक राव
Updated Dec 14, 2021 | 08:33 IST

Inflation in Turkey : तुर्की की करेंसी लीरा में तेजी से हो रही गिरावट को देखते हुए देश के सेंट्रल बैंक को दखल देना पड़ा है। दिलचस्प बात यह है कि करेंसी में गिरावट तब हो रही है जब बैंक ने कर्ज की दरों में चार प्रतिशत तक कटौती की है।

Turkish lira hits record low bread lines grow longer as inflation soars
अमेरिका डॉलर के मुकाबले काफी कमजोर हो गई है लीरा।  |  तस्वीर साभार: AP
मुख्य बातें
  • देश की मुद्रा लीरा में दर्ज की गई है रिकॉर्ड गिरावट, खाने-पीने के दाम बढ़ गए हैं
  • विशेषज्ञों नहीं चाहते कि ब्याज दरों में कटौती करे सरकार, इससे महंगाई और बढ़ेगी
  • देश में चीन, तेल और अन्य खाद्य पदार्थों की कीमतों में भारी उछाल आ गया है

नई दिल्ली : समृद्ध माने जाने वाले देश तुर्की की हालत बिगड़ने लगी है। इसकी सबसे बड़ी वजह देश में बढ़ती महंगाई और कमजोर होती अर्थव्यवस्था है। इस उदारवादी मुस्लिम देश में देश की करेंसी लीरा में रिकॉर्ड स्तर की गिरावट हो रही है जिसे लेकर विशेषज्ञों ने यहां की अर्थव्यवस्था को भंवर में फंसने का अंदेशा जताया है। सोमवार को यहां की करेंसी लीरा का अवमूल्यन अब तक के अपने सबसे निचले स्तर पर हो गया। अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट एजेंसी एसएंडपी ने तुर्की की रेटिंग घटाई है जिसके बाद लीरा में गिरावट जारी है। 

खाने-पीने की आसमान छू रहीं कीमतें

यह मुस्लिम देश महंगाई की मार से परेशान है। खाने-पीने की चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं। ब्रेड के लिए लोगों को कतार में देखा जा सकता है। 71 साल के तोपराक ने अलजजीरा से कहा, 'खाने से लेकर ब्रेड, कपड़े से लेकर जुराब तक देश में हर एक चीज महंगी हो रही है।' तुर्की में लोगों को अभी से यह महसूस होने लगा है कि देश के हालात बिगड़ने वाले हैं, इसलिए अभी से वे अपनी बचत करने लगे हैं। बता दें कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले तुर्की की करेंसी लीरा में करीब 48 प्रतिशत की गिरावट आ गई है। लीरा के कमजोर होने से लोगों की क्रय शक्ति घटती जा रही है। 

Inflation in Turkey

देश की करेंसी लीरा में भारी गिरावट

लीरा में तेजी से हो रही गिरावट को देखते हुए देश के सेंट्रल बैंक को दखल देना पड़ा है। दिलचस्प बात यह है कि करेंसी में गिरावट तब हो रही है जब बैंक ने कर्ज की दरों में चार प्रतिशत तक कटौती की है। बैंक ने अपने दर में कटौती राष्ट्रपति रेसेप तैय्यप एर्दोगान की इच्छा के अनुरूप की। राष्ट्रपति अर्थव्यवस्था की गति बढ़ाने के लिए ब्याज दरों को निचले स्तर पर रखना चाहते हैं। हालांकि, अर्थशास्त्रियों की दलील है ब्याज दर ऊंचा रखने की है। विशेषज्ञों का कहना है कि महंगाई पर नियंत्रण पाने के लिए ब्याज दरों को ऊंचा रखना जरूरी है। एर्दोगान ब्याज दरों को निचले स्तर पर रखने की अपनी नीति पर अड़े हैं। 

ब्याज दरों में फिर कटौती की संभावना

देश के सेंट्रल बैंक की गुरुवार को बैठक होने जा रही है। समझा जाता है कि इस बैठक में भी ब्याज दरों में कटौती की घोषणा होगी। रिपोर्टों की मानें तो तुर्की की अर्थव्यवस्था की हालत भांपते हुए ग्लोबल रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ने शुक्रवार को तुर्की की क्रेडिट रेटिंग स्थिर से निगेटिव कर दी। लोगों को अपनी दैनिक जरूरतों की चीजें खरीदने में परेशानी हो रही है। इस्तांबुल स्टेटिक्स ऑफिस के मुताबिक गेहूं की कीमत 109 प्रतिशत, सनफ्लावर की कीमत 137 प्रतिशत, टॉयलेट पेपर के दाम 90 प्रतिशत, चीनी की कीमत 90 प्रतिशत और नेचुरल गैस के दाम 102 प्रतिशत बढ़ गए हैं। 
 

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