Ukraine Crisis : यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की (Volodymyr Zelensky) ने दावा किया है कि रूस 16 फरवरी को उनके देश पर हमला कर सकता है। राष्ट्रपति जेलेंस्की के इस दावे के बाद यूक्रेन संकट (Ukraine Crisis) और गंभीर हो गया है। अमेरिका (America) और रूस (Russia) युद्ध के कगार पर आ गए हैं। तीसरे विश्व युद्ध (Third World War) की आहट से देशों में घबराहट देखी जा रही है। यूक्रेन सीमा (Ukraine Border) पर सैनिक बढ़ाए जाने पर अमेरिका ने रूस को एक बार फिर 'भारी कीमत' चुकानी की चेतावनी दी है। संभावित युद्ध के खतरे को अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने अपने नागरिकों को बेलारूस छोड़ने की एडवाइजरी जारी की है।
यूक्रेन में 'लड़ाई' की तैयारी हो रही है
अलजजीरा के रिपोर्ट के मुताबिक रूस के साथ संघर्ष की आशंका को देखते हुए यूक्रेन में 'लड़ाई' की तैयारी हो रही है। देश की सुरक्षा के लिए आम नागरिक भी खुद को तैयार कर रहे हैं। इन्हीं में वृद्ध महिलाओं का संगठन 'बाबुश्खा' भी है। यह समूह साल 2014 से सक्रिय है। साल 2014 में ही रूस ने यूक्रेन के शहर क्रीमिया पर अपना कब्जा किया। उस दौरान भी इस समूह ने अपने सैनिकों की मदद की।
हथियार उठाने के लिए तैयार हैं वृद्ध महिलाएं
वृद्ध महिलाओं के इस संगठन में शामिल 79 वर्षीया वैलेनटाइना कोंस्तान्तिनोवस्का अपने देश की सुरक्षा के लिए हथियार उठाने और रूसी सैनिकों का सामना करने के लिए तैयार हैं। 'बाबुश्खा' की महिलाओं ने देश की सुरक्षा के लिए खाईयां खोदी हैं। सैनिकों तक आपूर्ति एवं चिकित्सा सुविधाएं पहुंचाती आई हैं। इन्होंने निगरानी के लिए टॉवर का निर्माण भी किया है।
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'मैं अपना शहर नहीं छोड़ सकती'
कोंस्तान्तिनोवस्का युद्ध के समय अपना बचाव करने के तरीकों के बारे में शहर के नागरिकों को तैयार कर रही हैं। उन्होंने कहा, 'मैं अपने शहर से प्रेम करती हूं। यह शहर नहीं छोड़ सकती। पुतिन हम लोगों को डरा नहीं सकते। लेकिन यह भयभीत करने वाला है लेकिन अपनी अंतिम सांस तक यूक्रेन की सुरक्षा करेंगे।'
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एजोव संगठन दे रहा प्रशिक्षण
नागरिकों को यह प्रशिक्षण धुर दक्षिणपंथी आंदोलन एजोव की ओर से आयोजित किया गया है। इसमें युद्ध के समय में चिकित्सा देखभाल, खुद का बचाव, हथियारों की सुरक्षा एवं हथियार चलाने के बारे में लोगों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। लोगों का कहना है कि बीते आठ वर्षों के संघर्ष में उन्होंने पहली बार इस तरह का सुरक्षा प्रशिक्षण मिला है। कोंस्तान्तिनोवस्का ने कहा, 'मेरा साल 2014 से ही बंदूक चलाने का सपना रहा है लेकिन मुझे बताया गया कि इसके लिए मैं बूढ़ी हो चुकी हूं।'
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एजोव में शामिल हैं चरम राष्ट्रवादी सोच वाले सैनिक
धुर दक्षिणपंथी स्वैच्छिक सैन्य यूनिट एजोव में चरम राष्ट्रवादी सोच वाले सैनिक शामिल हैं। इन पर नव-नाजीवाद एवं नस्ली विचारधारा बढ़ाने के आरोप लगते रहे हैं। कीव स्थित इस आंदोलन की राजनयिक इकाई को ज्यादा समर्थन नहीं मिला है। साल 2019 में हुए चुनाव में इस संगठन को एक भी सीट नहीं मिली। एजोव की सैन्य इकाई को शहर का बचाव करने वाले के रूप में देखा जाता है।