मास्को/म्यूनिख : यूक्रेन पर गहराते संकट के बीच रूस लगातार सैन्य अभ्यास कर रहा है, जिसे लेकर अमेरिका और नाटो के देश आक्रामक रुख अपनाए हुए हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन जहां पहले ही कह चुके हैं कि रूस, यूक्रेन पर आने वाले दिनों में किसी भी वक्त हमले का मन बना चुका है, वहीं रूस ने आरोपों को बेबुनियाद करार देते हुए आरोप लगाया है कि अमेरिका और पश्चिमी देश किसी न किसी बहाने उस पर युद्ध थोपने का फैसला कर चुका है।
यूक्रेन पर इन आरोप-प्रत्यारोपों के बीच रूस के रक्षा बलों ने शनिवार को एक बार फिर युद्धाभ्यास किया। क्रेमलिन की ओर से जारी बयान में कहा गया कि यह युद्धाभ्यास राष्ट्रपति व रूसी रक्षा बलों के सुप्रीम कमांडर-इन-चीफ व्लादिमीर पुतिन की देखरेख में हुआ, जिस दौरान बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों को भी लॉन्च किया गया। इस दौरान केमचात्का द्वीप के कउरा ट्रेनिंग ग्राउंड पर मिसाइलें दागी गईं। पुतिन ने ऑनलाइन इसकी निगरानी की।
इस बीच अमेरिका ने एक बार फिर चेताया है कि रूस ने अगर यूक्रेन पर हमला किया तो उसे भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस शनिवार को जर्मनी में आयोजित वार्षिक म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन को संबोधित कर रही थीं, जब उन्होंने कहा कि अगर रूस ने यूक्रेन पर हमला किया तो उसे इसके लिए 'भारी आर्थिक कीमत' चुकानी होगी। अमेरिका अपने सहयोगियों और साझेदारों के साथ मिलकर रूस पर अभूतपूर्व आर्थिक प्रतिबंध लगाएगा।
अपने संबोधन के दौरान कमला हैरिस ने दो टूक कहा कि अगर रूस, यूक्रेन पर हमला करता है तो NATO की तरफ से इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि बाइडन प्रशासन ने अपने सहयोगी देशों के साथ मिलकर कूटनीतिक समाधान निकालने के लिए रूस से बातचीत करने की कोशिश की थी, लेकिन रूस की तरफ से सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली। वह बातचीत के लिए तैयार होने की बात कहता है, लेकिन कूटनीतिक समाधान के रास्ते भी बंद कर रहा है।