हेरात, अफगानिस्तान: अफगानिस्तान इन दिनों भयानक मानवीय त्रासदी से गुजर रहा है। तालिबान के ‘शासन’ वाले अफ़ग़ानिस्तान में हालात कुछ ऐसे हैं कि बड़ी संख्या में लोग किडनी बेच कर जीवन जीने को मजबूर हैं। सहायता संगठन मानवीय आपदा की चेतावनी दे रहे हैं। तालिबान के शासन में अफगानिस्तान में हालात ऐसे हैं कि लोग भंयकर गरीबी में जीवन जीने को मजबूर हैं। एक अमेरिकी मीडिया हाउस ने हेरात प्रांत में रिपोर्टिंग की तो कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। यहां बच्चों को बेचना और किडनी बेचना एक आम बात है।
रिपोर्ट के मुताबिक एक परिवार में पांच भाईयों ने अपनी किडनी इसलिए बेच दी क्योंकि उनके पास जीवन गुजर बसर करने के लिए पैसे नहीं थे और उन पर काफी कर्जा चढ़ गया था। यह हालात केवल पुरुषों के नहीं बल्कि महिलाओं के भी हैं। एक परिवार में तीन बेटियां हैं और तीनों ने अपनी किडनी बेच दी हैं तांकि वो जीवन जी सकें। हालात ऐसे हैं कि लोगों को खाने के लिए अपने शरीर के अंग बेचने पड़ रहे हैं।
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हालात इस कदर भयावह हो चुके हैं कि लोगों के पास खाने के लिए कुछ भी नहीं है। एक जगह लोग 8 दिनों से केवल चावल खा रहे हैं, उनके पास ना रोटी है, ना सब्जी, क्योंकि पैसे ही नहीं हैं। महंगाई का आलाम ये है कि एक महिला ने तो अपनी तीन बेटियों में एक को इसलिए बेच दिया तांकि बांकि दो बेटियों के लिए भोजन की व्यवस्था हो सके। यह केवल हेरात प्रांत की ही बात नहीं है, कमोवेश सभी जगह इस तरह के हालात है।
हेरात के बाहर एक छोटे से गांव में तो गरीबी से हालात बदतर हो चुके हैं। एक महिला हालात बयां करते करते रो गईं। महिला के पति ने स्काई न्यूज को बताया कि अभी तक उन्होंने यह तय नहीं किया है कि किस बच्चे को बेचा जाए, लेकिन उनकी हताशा ऐसी थी कि वह बच्चे को अपनी किडनी की कीमत से कम पर बेच देगा। शख्स ने बताया, 'हमारे पास बेचने के लिए कुछ नहीं बचा है। हमें अब अपने बच्चों को बेचना है और मैं इसके लिए लगभग 200 डॉलर में भी बेचने के लिए तैयार हूं। मैं हर रात उन्हें भूख की वजह से रोते हुए नहीं देख सकते हैं।'
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