वाशिंगटन : बच्चों के लिए कोरोना टीके की अनिश्चितता के बीच अमेरिका से राहत वाली खबर आई है। अमेरिकी स्वास्थ्य नियामकों ने देश में 12 से 15 साल के बच्चों के लिए फाइजर-बॉयोटेक के कोविड-10 टीके के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। यही वैक्सीन देश में 16 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों को लगाई जा रही है। अब 12 से 15 साल के बच्चों को यह टीका प्रीमियर और बूस्टर के रूप में दो बार लगेगा।
एफडीए ने बताया अहम कदम
खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) की कार्यवाहक प्रमुख जैनेट वूडकॉक ने 12-15 साल के बच्चों के लिए टीके को मंजूरी दिए जाने को कोरोना के खिलाफ लड़ाई में एक 'अहम कदम' बताया है। उन्होंने कहा, 'एफडीए के इस कदम से युवा आबादी को कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रखा जा सकेगा। इससे हमारा जनजीवन दोबारा पटरी पर लौटेगा और महामारी समाप्त होगी।'
'सभी मानदंडों पर खरा उतरा टीका'
उन्होंने आगे कहा, 'अभिभावक एवं संरक्षक आश्वस्त हो सकते हैं कि एजेंसी ने टीके की सुरक्षा से जुड़े सभी आंकड़ों का गंभीरता एवं परिश्रम के साथ अध्ययन किया है।' एफडीए का कहना है कि फाइजर-बॉयोटेक का कोरोना टीका नियामक के सभी मानदंडों पर खरा उतरा है। यह टीका 12 साल और इससे ऊपर के बच्चों को लगेगा। अमेरिका में 16 साल से ऊपर के 15 करोड़ से ज्यादा (57%) लोगों को कोरोना टीके की एक डोज लग चुकी है। यह कुल आबादी का 46 प्रतिशत है। वहीं, भारत में 17 करोड़ कोरोना की खुराकें दी गई हैं और देश में अभी तक केवल 12 प्रतिशत लोगों को टीका लगा है।
राष्ट्रपति बाइडन बोले-बच्चे होंगे सुरक्षित
राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने एक बयान में कहा, 'वायरस से लड़ाई में यह बहुत अच्छा कदम है। यदि आप अभिभावक हैं और अपने बच्चे की सुरक्षा चाहते हैं, या एक किशोर जो टीका लगवाने का इच्छुक है। इस दिशा में आज का फैसला लोगों के इरादे को पूरा करने वाला है।' बाइडन प्रशासन वयस्कों को टीका लगाने के बाद टीकाकरण अभियान का दायरा बच्चों तक ले जाने के लिए तेजी के साथ काम कर रहा है।
बच्चों के लिए अपना टीका लाने की तैयारी में मॉडर्ना
अमेरिकी राष्ट्रपति ने पिछले सप्ताह कहा था कि बच्चों के लिए टीकाकरण अभियान में 20,000 फॉर्मेसी को शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका को वापस पटरी पर लाने के लिए बच्चों का टीकाकरण उनकी रणनीति का प्रमुख हिस्सा है। अमेरिका की दूसरी प्रमुख टीका उत्पादक कंपनी मॉडर्ना भी बच्चों के लिए अपने वैक्सीन की मंजूरी पाने की दिशा में काम कर रही है। फाइजर और बॉयोटेक के इस वैक्सीन को यूरोप के देशों में भी मंजूरी मिलनी है।