नई दिल्लीः भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाली धारा 370 और 35A को समाप्त कर दिया है। जिससे पड़ोसी देश पाकिस्तान में काफी बौखलाहट और झुंझलाहट है। पाकिस्तान की तरफ से तरह-तरह की चर्चाएं सुनी जा रही हैं। पाकिस्तान भारत से अपने राजनयिक संबंधों को कम करने की बात कर रहा है और व्यापारिक संबंध खत्म करने पर भी तुला हुआ है। इसके साथ-साथ आतंकी गतिविधियां भी जारी हैं।
पाकिस्तान सरकार की तरफ से उठाए गए कदमों और जवाबी कार्रवाई को लेकर अमेरिका की तरफ से बड़ा बयान आया है, जिसमें अमेरिका ने पाकिस्तान को लताड़ लगाई है। अमेरिका ने पाकिस्तान से कहा है कि वह किसी भी जवाबी कार्रवाई से बचें और अपनी धरती पर आतंक की बुनियादी ढांचे के खिलाफ कार्रवाई करें।
अमेरिकी प्रतिनिधि एलियट एल एंगेल द्वारा जारी किए गए बयान में कहा गया है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में, भारत को अपने सभी नागरिकों के लिए समान अधिकारों की रक्षा करने और बढ़ावा देने, विधानसभा की स्वतंत्रता, सूचना तक पहुंच और कानून के तहत समान सुरक्षा के महत्व को प्रदर्शित करने का अधिकार है।
वहीं, हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी के अध्यक्ष और सीनेट विदेश संबंध समिति के रैंकिंग सदस्य सीनेटर बॉब मेनेंडेज ने कहा कि पारदर्शिता और राजनीतिक भागीदारी प्रतिनिधि लोकतंत्र की आधारशिला हैं और हमें उम्मीद है कि जम्मू-कश्मीर में भारत सरकार इन सिद्धांतों का पालन करेगी। बयान में आगे कहा गया कि पाकिस्तान को किसी भी जवाबी कार्रवाई से बचना चाहिए। जिसमें नियंत्रण रेखा के पार घुसपैठ के लिए समर्थन भी शामिल है और पाकिस्तान की सरजमीं पर आतंकी ढांचे के खिलाफ कार्रवाई भी की जानी चाहिए।
लेकिन पाकिस्तान है कि मानता नहीं। वह अलग ही राग अलाप रहा है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की एक अहम बैठक बुधवार को हुई जिसमें जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के भारत सरकार के फैसले पर चर्चा की गई। पाक सरकार ने बैठक का एक वीडियो ट्विटर पर जारी किया, जिसमें कहा गया है कि भारत सरकार का कदम एकतरफा और गैरकानूनी है। वो भारत के साथ कूटनीतिक रिश्तों का स्तर कम करेगा। भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार को निलंबित करेगा और इस मामले को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ले जाएगा।
पाकिस्तान की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री ने सेना को सतर्क रहने के आदेश दिए हैं। लेकिन पाकिस्तान आर्थिक तंगी के हालात से गुजर रहा है और ये उसके लिए बड़ी चिंता का सबब है। अभी महीने भर पहले पाक रुपया ऐतिहासिक रूप से सबसे निचले स्तर पर आ गया था और उसका विदेशी मुद्रा भंडार भी कम होता जा रहा है। सरकार को हाल ही में स्वैच्छिक कटौती की घोषणा भी करनी पड़ी थी। ऐसे में पाकिस्तान के शोर मचाने का एक ही मतलब समझ में आता है कि वो केवल अंतरराष्ट्रीय ध्यान को अपनी तरफ खींचने की कोशिश कर रहा है।