वाशिंगटन : अमेरिकी कांग्रेस में समर्थकों के हिंसक प्रदर्शन के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप यहां बनने जा रही नई हुकूमत के निशाने पर हैं। ड्रेमोक्रेट्स ही नहीं, कई रिपब्लिकन नेताओं ने भी उनका साथ छोड़ दिया है। इस बीच ट्रंप को राष्ट्रपति पद से तत्काल हटाने के लिए हर कोशिश आजमाई जा रही है। हालांकि उनका कार्यकाल समाप्त होने में महज 7 दिनों का वक्त रह गया है। इसे लेकर अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेन्टेटिव्स में एक प्रस्ताव भी लाया गया, जिसमें उपराष्ट्रपति माइक पेन्स से संविधान के 25वें संशोधन का इस्तेमाल करते हुए डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति पद से हटाने की अपील की गई।
इस प्रावधान के तहत राष्ट्रपति की कैबिनेट को उन्हें पद से हटाने का अधिकार होता है। ऐसा तब होता है जब राष्ट्रपति शारीरिक या मानसिक बीमारी के कारण अपने पद की जिम्मेदारियों को निभाने में असमर्थ हो। इसमें उपराष्ट्रपति को कैबिनेट के बहुमत के साथ मिलकर राष्ट्रपति को पद से अयोग्य घोषित करने का अधिकार होता है और अगली सरकार बनने तक वह खुद राष्ट्रपति पद की जिम्मेदारी संभालते हैं। इसके लिए उपराष्ट्रपति को संसद अध्यक्ष और ऊपरी सदन सीनेट के पीठासीन अधिकारी को पत्र लिखकर बताना होता है कि राष्ट्रपति अपनी जिम्मेदारियों के निर्वहन के लिए योग्य नहीं हैं। हालांकि उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने ऐसा करने से इनकार कर दिया है।
डेमोक्रेट्स के बहुमत वाले अमेरिकी कांग्रेस के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रजेंटिव्स की स्पीकर नैंसी पेलोसी को लिखे पत्र में उन्होंने साफ कर दिया है कि वह राष्ट्रपति ट्रंप को हटाने के लिए इस प्रक्रिया के इस्तेमाल में पक्ष में नहीं हैं। हालांकि उपराष्ट्रपति के इनकार के बावजूद एक प्रस्ताव अमेरिकी कांग्रेस में पेश किया गया, जिसमें उपराष्ट्रति माइक पेंस से अनुरोध किया गया कि वह ट्रंप को पद से हटाएं और अमेरिका में जो बाइडन की अगुवाई में 20 जनवरी को नई सरकार बनने तक खुद राष्ट्रपति पद की जिम्मेदारी संभालें। यहां उल्लेखनीय है कि अमेरिका में राष्ट्रपति को पद से हटाने के किसी भी प्रस्ताव को पारित होने के लिए दो-तिहाई बहुमत की जरूरत है।
इन सबके बीच निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि उन्हें 25वें संशोधन को लेकर किसी तरह का खतरा नहीं है। उन्होंने कहा, '25वें संशोधन का मेरे लिए शून्य जोखिम है।' उन्होंने कहा कि इससे अमेरिका के भावी राष्ट्रपति जो बाइडन और उनके प्रशासन को ही नुकसान होगा। अपने खिलाफ महाभियोग की प्रक्रियाओं को उन्होंने 'विच-हंट' करार दिया तो यह भी कहा कि इससे देश में जबरदस्त गुस्सा, विभाजन और तकलीफ का दौर पैदा हो रहा है। उन्होंने कहा, 'महाभियोग का छलावा, इतिहास के सबसे बड़े विच-हंट का हिस्सा है।' ट्रंप ने अमेरिकी संसद पर अपने समर्थकों के हमले के ठीक पहले के अपने भाषण का भी बचाव किया और कहा कि उन्हें बहुत समर्थन है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, 'मैंने अखबारों, टीवी में देखा है। इसका आकलन किया गया है और लोगों को लगता है कि मैंने जो भी कहा था वो बिल्कुल उचित था।' ट्रंप ने हालांकि कहा कि हमें हिंसा से बचने की जरूरत है, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें बहुत समर्थन है और ऐसा समर्थन इससे पहले किसी ने देखा नहीं होगा। उन्होंने यह भी कहा कि आज अभिव्यक्ति की आजादी पर जितने हमले हो रहे हैं, वैसा पहले कभी नहीं देखा गया। 'मेक अमेरिका ग्रेट अगेन' के अपने अभियान पर जोर देते हुए ट्रंप ने कहा कि इसकी बुनियाद ही कानून के सम्मान पर टिकी हुई है। उन्होंने कहा कि यह समय देश के लोगों के जख्मों पर मरहम लगाने और शांति एवं स्थिरता कायम करने का है।