अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अब एक नई कानूनी मुसीबत में फंसते दिख रहे हैं। पिछले दिनों एफबीआई के छापे में पूर्व राष्ट्रपति के यहां से गोपनीय दस्तावेज बरामद होने का खुलासा हुआ है।
अमेरिका के कानून मंत्रालय ने शुक्रवार को एफबीआई के उस हलफनामे का खुलासा किया, जिसमें ट्रंप के मार-आ-लागो स्थित घर की तलाशी को उचित ठहराया गया है। सार्वजनिक किये गए इस हलफनामे से पता चला है कि ट्रंप के पास बहुत से गोपनीय दस्तावेज थे। ये दस्तावेज आम कागजों, पत्रिकाओं के साथ मिलाकर रखे गए थे।
ट्रंप इस घर में सर्दियों के दिन रहने आते हैं। यहां एफबीआई ने आठ अगस्त को छापेमारी की थी। जिसमें कई महत्वपूर्ण कागजात बरामद हुए।हलफनामे से खुलासा हुआ है कि जनवरी में ट्रंप के आवास से मिले 15 बक्सों में 14 पर गोपनीय लिखा था। इन बक्सों के भीतर 184 दस्तावेज मिले, जिन पर गोपनीय अंकित था। इनमें से 67 पर ‘कॉन्फिडेंशियल’, 92 पर ‘सीक्रेट’ और 25 पर ‘टॉप सीक्रेट’ लिखा था।
इनमें उच्च स्तरीय खुफिया जानकारी वाले दस्तावेज भी शामिल हैं। जिन एजेंट ने बक्सों का निरीक्षण किया, उन्होंने पाया कि दस्तावेजों पर विशेष रूप से अंकित था कि वह सूचना बेहद संवेदनशील स्रोतों से प्राप्त की गईं थीं। हलफनामे में कई दस्तावेज ऐसे पाए गए हैं जिन पर ‘ऑरिजिनेटर कंट्रोल्ड’ लिखा था। इसका अर्थ है कि जिन खुफिया एजेंसी के अधिकारियों ने रिपोर्ट बनाई थी, वे नहीं चाहते थे कि उनकी अनुमति के बिना अन्य एजेंसियों को वे दस्तावेज दिए जाएं।
हलफनामे में कहा गया कि कुछ गोपनीय दस्तावेजों को अन्य कागजात के साथ मिलाकर रखा गया था। नेशनल आर्काइव्स के व्हाइट हाउस डिवीजन के निदेशक के अनुसार, बक्सों में अखबार, पत्रिकाएं, प्रकाशित समाचार आलेख, तस्वीरें, व्यक्तिगत दस्तावेज और अन्य चीजें पाई गई हैं। सबसे बड़ी बात यह कि बेहद गोपनीय दस्तावेजों को खुला और अन्य कागजात के साथ मिलाकर रखा गया था। सीआईए के पूर्व अधिकारी डेविड प्राइस ने कहा कि राष्ट्रपति को खुफिया सूचनाएं दी जाती हैं लेकिन उसे इस तरह अन्य चीजों के साथ बेतरतीब ढंग से मिलाकर रखना असामान्य बात है।
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