नई दिल्ली। इस समय भारत की सीमा पर चीन की तरफ से तनाव बढ़ा है क्या उसके पीछे उसकी घबराहट है या सोची समझी चाल है या वो कोरोना के मुद्दे से ध्यान हटाने के लिए टकराव का रास्ता अख्तियार किया है। सोमवार को चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि सीमा पर हालात सामान्य हैं और दोनों देश संवाद के जरिए रास्ता निकाल सकते हैं। लेकिन अमेरिका ने चीन को कठघरे में खड़ा करते हुए नसीहत दी है।
चीन को अमेरिकी नसीहत
फॉरेन अफेयर्स कमेटी के चेयरमैन एलियट एंजेल का कहना है कि एलएसी पर जिस तरह से भारत के साथ चीन आक्रामक अंदाज में पेश आ रहा है वह चिंताजनक है। अमेरिका पूरी तरह से नजर बनाए हुए है। दादागीरी के जरिए चीन पड़ोसी मुल्कों को दबाने की कोशिश कर रहा है। अंतरराष्ट्रीय नियमों के दायरे में वो किसी भी विवाद से निपटने के बारे में नहीं सोचता है। वो आगे कहते हैं कि चीन का टकराव भरा नजरिया नया नहीं है। वो अपनी ताकत के दम पर आगे बढ़ना चाहता है। लेकिन आज के युग में नियम और कानून का सम्मान हर किसी को करना होगा।
कानूनी दायरे में भारत के साथ सीमा विवाद सुलझाए
दुनिया के सभी देश एक समान नियमों से बंधे हुए हैं। यहां पर शक्ति के इस्तेमाल से किसी भी चीज को सही नहीं ठहराया जा सकता है। चीन से अमेरिका अनुरोध करता है कि वो अंतरराष्ट्रीय नियमों का सम्मान करे इसके साथ ही भारत के साथ सीमा विवाद को कूटनीतिक और मौजूदा व्यवस्थाओं के तहत निराकरण करे। अमेरिका कहना है कि चीनी नजरिए को आप कुछ देशों के संदर्भ में नहीं देख सकते हैं, बल्कि ताइवान, हांगकांग और दक्षिण चीन सागर में जो कुछ हो रहा है वो सबके सामने है।