वाशिंगटन : अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए आज (मंगलवार, 3 नवंबर) के मतदान से ही यह तय हो जाएगा कि मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने पद पर बने रहेंगे या जो बाइडन देश के नए राष्ट्रपति होंगे। चूंकि भारत और अमेरिका में 9-12 घंटे के समय का अंतर है, इसलिए अमेरिका में जब 3 नवंबर की सुबह से चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी, भारत में शाम हो चुकी होगी।
दोपहर होते-होते जब वहां चुनाव प्रक्रिया तेज होगी, भारत में रात का समय होगा और अधिकतर लोग गहरी नींद में सो रहे होंगे। इस तरह भारतीय समयानुसार देखा जाए तो अमेरिका में 3 नवंबर की शाम तक जब मतदान खत्म होगा, भारत में बुधवार की सुबह होगी। मतदान खत्म होने के बाद ही अलग-अगल राज्यों में वोटों की गिनती शुरू हो जाती है, जिससे कुछ ही घंटों बाद रूझान साफ होने लगता है।
मतदान समाप्त होने के बाद हालांकि यहां मतगणना शुरू हो जाती है, लेकिन रातभर में कभी मतगणना समाप्त नहीं हो पाती। चुनाव परिणामों की आधिकारिक घोषणा यूं तो वोटों की गिनती पूरी होने के बाद ही की जाती है, लेकिन इस बीच रात की मतगणना के रूझानों से ही नतीजों की तस्वीर काफी हद तक साफ हो जाती है और यह पता चल जाता है कि चुनाव में किसे जीत मिली या किसकी हार हुई।
ऐसे में बहुत संभव है कि चुनाव के नतीजे मंगलवार रात या बुधवार सुबह तक पूरी तरह स्पष्ट न हो पाएं। इसके अतिरिक्त 2020 के राष्ट्रपति चुनाव को 'इलेक्शन ऑफ अ लाइफटाइम' भी कहा जा रहा है, जिसमें चुनाव प्रचार कड़वाहट भरा रहा है। अमेरिका में चुनाव बाद हिंसा की भी आशंका है, जिसे देखते हुए लोगों में एक डर और बेचैनी भी है। हिंसा की आशंका के मद्देनजर सुरक्षा इंतजाम कड़े किए गए हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप यह भी कह चुके हैं कि हो सकता है कि चुनावी नतीजा सुप्रीम कोर्ट में जाकर निकले। ऐसे में चुनाव को लेकर अगर किसी तरह का विवाद होता है और यह मसला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचता है तो औपचारिक नीतीजों की घोषणा में और देरी हो सकती है। यहां साल 2000 में ऐसा हुआ था, जब चुनाव को लेकर हुए विवाद में फैसला सुप्रीम कोर्ट ने दिया था और जॉर्ज डब्ल्यू बुश को विजेता घोषित किया गया।