वाशिंगटन : रूस से एयर डिफेंस सिस्टम S 400 खरीदे जाने पर अमेरिकी प्रशासन ने नाटो के सहयोगी देश तुर्की पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। अमेरिकी प्रशासन ने तुर्की पर प्रतिबंध ऐसे समय लगाए हैं जब जो बिडेन राष्ट्रपति पद का कार्यभार संभालने जा रहे हैं। समझा जाता है कि ट्रंप प्रशासन के इस कदम से दोनों देशों के बीच विवाद शुरू हो सकता है। तुर्की करीब डेढ़ साल पहले रूस से इस वायु रक्षा प्रणाली को खरीदा है।
दोनों देशों के रिश्ते फिलहाल ठीक नहीं
पिछले कुछ समय से वाशिंगटन और अंकारा के संबंध 'अच्छे' नहीं चल रहे हैं। बताया जाता है कि सीरिया में तुर्की की कार्रवाई और अर्मिनिया एवं अजरबैजान के संघर्ष में उसकी भूमिका वाशिंगटन को पसंद नहीं आई है। रिपोर्टें यह भी हैं कि ट्रंप ने पहले तुर्की पर प्रतिबंधों की घोषणा करने से इंकार कर दिया था लेकिन कांग्रेस के बढ़ते दबाव के चलते अब उन्हें यह कदम उठाना पड़ा।
अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने की प्रतिबंधों की घोषणा
तुर्की के खिलाफ प्रतिबंधों की यह घोषणा सोमवार को अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने की। अमेरिकी प्रशासन ने तुर्की रक्षा खरीद एजेंसी, इसके वरिष्ठ अधिकारियों एवं राष्ट्रपति पर प्रतिबंध लगाए हैं। इससे पहले यूरोपीय संघ के नेताओं ने ब्रसेल्स में आयोजित अपने शिखर सम्मेलन में एक बयान में कहा अफसोस की बात है कि तुर्की एकतरफा कार्रवाई और उकसावे में लगा हुआ है और यूरोपीय संघ, यूरोपीय संघ के सदस्य देशों और यूरोपीय संघ के नेताओं के खिलाफ अपनी बयानबाजी तेज कर दी है।
ईयू भी था कार्रवाई के पक्ष में
अक्टूबर में अपने अंतिम शिखर सम्मेलन में नेताओं ने तुर्की को 'एक सकारात्मक राजनीतिक ईयू-तुर्की एजेंडा' की पेशकश की थी। इसमें यह कहा गया था कि अगर वह पूर्वी भूमध्य सागर में अपनी अवैध गतिविधियों को रोक देता है, तो उसे व्यापार और सीमा शुल्क में लाभ होगा और सीरियाई शरणार्थियों को प्रबंधित करने में मदद करने के लिए उसे अधिक धन दिया जा सकता है।