नई दिल्ली: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बड़ी राहत मिली है। अमेरिका के कैपिटल हिल में हिंसा भड़काने के आरोप में उन्हें बरी कर दिया गया है। ट्रंप के खिलाफ दूसरी बार लाए गए महाभियोग प्रस्ताव पर सीनेट में सुनवाई पूरी हुई और बाद में वोटिंग हुई। वोटिंग के बाद ट्रंप को बरी करने का फैसला किया गया।
अमेरिकी सीनेट ने पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप को यूएस कैपिटल में 6 जनवरी को हुए दंगा भड़काने के आरोप में बरी करने के लिए 57-43 वोट दिए। 57 ने उन्हें दोषी माना, जबकि 43 ने उनके पक्ष में वोट किया। ऐसे में दोषी करार देने के लिए जरूरी 67 वोट (2 तिहाई बहुमत) नहीं मिल सके।
डोनाल्ड ट्रंप के वकीलों ने सीनेट में कहा कि ट्रंप कानून-व्यवस्था के प्रमुख थे और उनके भाषण ने दंगा नहीं भड़काया।वकीलों ने दावा किया कि ट्रंप के खिलाफ महाभियोग के दौरान लगाए गए आरोपों को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं।
ट्रंप के वकील ब्रूस कैस्टर ने बचाव में कहा था, 'प्रतिनिधि सभा के प्रबंधकों ने महाभियोग के लिए जो आरोप पेश किए हैं, उन्हें सही साबित करने के लिए सबूतों का अभाव है। प्रतिनिधि सभा ने राजनीति से प्रेरित होकर यह महाभियोग चलाया है।' कैस्टर ने विभिन्न डेमोक्रेटिक नेताओं की वीडियो क्लिप दिखाते हुए कहा कि उनका लक्ष्य एक राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी को हटाना है, मतदाताओं की इच्छा के नाम पर अपना फैसला लागू करना करना है।
उन्होंने कहा, 'इस महाभियोग सुनवाई के दौरान सबसे अहम बात यह है कि 45वें राष्ट्रपति ने भीड़ को उकसाया या नहीं, डेमोक्रेटिक नेता इसे राजद्रोह कह रहे हैं, लेकिन यह निश्चित ही राजद्रोह नहीं है। राजद्रोह तब होता है, जब देश की सत्ता हथियाने की कोशिश की जाती है, लेकिन इस मामले में स्पष्ट रूप से ऐसा कुछ नहीं है।'