वाशिंगटन : दुनियाभर में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच अमेरिका, चीन के खिलाफ हमलावर तेवर अपनाए हुए है। उसका मानना है कि चीन की लापरवाही की वजह से आज पूरी दुनिया के लिए खतरा पैदा हो गया है। इस मसले पर चीन के साथ साठगांठ के आरोप में अमेरिका ने विश्व स्वास्थ्य संगठन से अलग होने की घोषणा भी की है। इस बीच अमेरिका ने एक और बड़ा कदम उठाते हुए कई चीनी अधिकारियों पर वीजा प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है।
मानवाधिकारों के उल्लंघन सहित कई मसले हैं, जिसे लेकर अमेरिकी विदेश विभाग ने चीनी अधिकारियों के खिलाफ वीजा प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। अमेरिका ने तिब्बत में मानवाधिकारों के उल्लंघन और एशिया की बड़ी नदियों में पर्यावरण प्रदूषण को लेकर चीनी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाए हैं। अमेरिका ने यह भी कहा कि वह वह तिब्बत की स्वायत्ता का समर्थन करता रहेगा।
चीनी अधिकारियों के खिलाफ वीजा प्रतिबंधों का ऐलान करते हुए अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पिओ ने कहा कि क्षेत्रीय स्थिरता के लिहाज से तिब्बत के विभिन्न इलाकों तक चीन से बाहर के लोगों की पहुंच आवश्यक है, लेकिन चीन में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी लगातार तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र और तिब्बत के अन्य इलाकों में अमेरिकी राजनयिकों, अधिकारियों, पत्रकारों, पर्यटकों के पहुंचने में बाधा उत्पन्न करती रही है, जबकि चीन के अधिकारियों और नागरिकों को अमेरिका के सुदूर क्षेत्रों में भी जाने का अधिकार रहा है।
उन्होंने कहा कि अमेरिका तिब्बत में मानवाधिकारों की बेहतर स्थिति, आर्थिक विकास, पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम करता रहेगा। अमेरिका तिब्बत के लोगों के मौलिक अधिकारों और उनकी धार्मिक, सांस्कृतिक व भाषाई विशेषताओं को संरक्षित रखने का पक्षधर है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार अमेरिकी कांग्रेस से मिलकर यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेगी कि तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र और तिब्बत के अन्य इलाकों सहित चीन के विभिन्न क्षेत्रों तक अमेरिकी नागरिकों की पहुंच सुनिश्चित हो सके।