वाशिंगटन : जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को अप्रभावी बनाने के भारत सरकार के फैसले के बीच पाकिस्तान में बेचैनी व बौखलाहट साफ नजर आ रही है। पाकिस्तान में मंगलवार को जहां इस मुद्दे पर संसद का आपात सत्र बुलाया गया, वहीं इमरान खान के मंत्री ने भारत को युद्ध की धमकी भी दी। इस बीच अमेरिका ने पाकिस्तान को एक बार फिर चेतावनी दी है कि अगर वह फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) अगर वह फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट से बाहर निकलना चाहता है तो उसे उन देशों को संतुष्ट करने के लिए प्रतिबंधित संगठनों और इससे जुड़े लोगों के खिलाफ ठोस व संतोषजनक कार्रवाई करनी होगी।
अमेरिका की यह चेतावनी ऐसे समय में आई है, जबकि कश्मीर पर भारत के फैसले से पाकिस्तान में खलबली है और बैठकों का दौर लगातार जारी है। आतंवाद को लेकर पहले से ही अंतरराष्ट्रीय आलोचनाओं में केंद्र में रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने हालिया अमेरिका दौरे के दौरान एक इंटरव्यू में अपनी धरती पर करीब 40 हजार आतंकियों के सक्रिय होने की बात कबूली थी। इमरान के अमेरिका दौरे से कुछ ही दिनों पहले मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को गिरफ्तार भी किया गया, जिसे आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई को लेकर अमेरिका को संतुष्ट करने के प्रयास के तौर पर देखा गया।
पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ कितने ठोस कदम उठा रहा है, इसकी स्वतंत्र जांच के लिए अमेरिका का एक प्रतिनिधिमंडल इस्लामाबाद पहुंचा। इस संबंध में फ्लोरिडा में एफएटीएफ की एक बैठक भी हुई थी, जिसमें पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर कड़ी चेतावनी दी गई थी और आतंकियों के खिलाफ ठोस कदम उठाने को कहा गया था। अमेरिकी विदेश मंत्रालय में वरिष्ठ अधिकारी एलिस जी. वेल्स की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल ने इमरान खान सरकार के सीनियर अफसर से मुलाकात की, जिस दौरान उन्होंने आश्वस्त किया कि पाकिस्तान एफएटीएफ के एक्शन प्लान को लागू करने की दिशा में अहम कदम उठा रहा है।