नई दिल्ली। अगर कहें कि दुनिया कोरोना काल में है तो कुछ गलत न होगा। करीब 196 देश इस समय कोरोना के खिलाफ जंग लड़े रहे हैं। कोरोना संक्रमण से चीन उबर रहा है। लेकिन अमेरिका, इटली, फ्रांस समेत कई यूरोपीय देश इस भयावह संकट से दो चार हैं। अमेरिका में जहां करीब 85 हजार कोरोना के केस हैं तो 1500 से ज्यादा लोग जान से हाथ गंवा चुके हैं। इस बीच कई तरह के सवाल उठ रहे हैं कि क्या इस पूरे संकट के लिए चीन जिम्मेदार है। दरअसल उसके पीछे वजह भी है,
विनाश की कहानी का खलनायक है चीन !
बताया जा रहा है कि पिछले साल अक्टूबर के महीने में कोरोना के कुछ मामले चीन में आए। लेकिन चीन की तरफ से जानकारी छिपा ली गई। जब यह मामला बढ़ने लगा तो चीन इस बात को अपनी चारदीवारी तक सीमित नहीं कर पाया और दिसंबर जनवरी आते आते यह पता चल गया कि कोरोना का संक्रमण सिर्फ चीन तक सीमित नहीं है। इससे भी बड़ा सवाल विश्व स्वास्थ्य संगठन के निदेशक पर भी है आखिर उन्होंने करीब तीन महीने तक यह क्यों कहा कि कोरोना संक्रमण मनुष्य से मनुष्य में नहीं फैलता है जबकि चीन के वुहान की तस्वीर कुछ और बयां कर रही थी।
1 दिसंबर से शुरू हुई विनाशलीला
दिसंबर 2019 की वो पहली तारीख थी जब इस वायरस का लक्षण एक मरीज में पाया गया। उसके सिर्फ पांच दिन बाद यानि 6 दिसंबर को उस शख्स की पत्नी में भी इस वायरस के लक्षण मिले। उसकी पत्नी को भी अस्पताल में आइसोलेशन में रखा गया और उसके बाद उस डॉक्टर की तलाश शुरू हुई जिसकी वजह से कोरोना के फैलने की आशंका जताई गई थी। इस दौरान ही करीब करीब साफ हुआ कि इस वायरस के फैलाव के लिए इंसान भी जिम्मेदार है। लेकिन चीन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को बताना नहीं समझा।
करीब तीन हफ्ते के बाद यह जानकारी दी कि उसके यहां किसी वायरस का संक्रमण हो चुका है। इससे भी बड़ी बात थी कि जिस डॉक्टर ने जानकारी दी उसके बारे में कहा गया कि वो अफवाह फैला रहा है और चीन की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा रहा है। चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने साफ कर दिया कि इस बीमारी के बारे में कोई भी सूचना सार्वजनिक नहीं की जाए और इसे ताकीद के बाद प्रांतीय स्वास्थ्य आयोग ने वुहान के सारे नमूनों को नष्ट कर दिया।
अमेरिकी पेपर में छपी रिपोर्ट के बाद हो हल्ला मचा
न्यू यॉर्क टाइम्स ने 6 जनवरी को अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि वुहान में करीब 59 लोग वुहान में न्यूमोनिया जैसी बीमारी से पीड़ित हैं। जब इस तरह की रिपोर्ट छपी तो चीन को बैकफुट पर आना पड़ा और यह सलाह दी गई कि लोग वुहान में जिंदा या मरे हुए जानवरों, जानवरों के बाजारों और बीमार लोगों से दूर रहें। लेकिन कोरोना वायरस वुहान को चपेट में ले चुका था। लेकिन अब सवाल उठ रहे हैं कि आखिर बीजिंग, शंघाई और दूसरे शहरों में इस कोरोना वायरस का संक्रमण क्यों नहीं फैला।