मॉस्को : रूस के राष्ट्रपति पद से हटने के बाद व्लादिमीर पुतिन को कोई 'हाथ भी' नहीं लगा सकेगा। दरअसल, रूसी राष्ट्रपति ने मंगलवार को एक ऐसे विधेयक पर हस्ताक्षर किए जो रूस के राष्ट्रपतियों को पद से हटने के बाद उन्हें आजीवन अपराधों की सजा से छूट (इम्युनिटी) देता रहेगा। मतलब राष्ट्रपति रहते हुए उन्होंने यदि कोई गैर-कानूनी कार्य किया भी होगा तो पद से हटने के बाद न तो उन्हें चुनौती और न ही सजा दी जा सकेगी। बिल पर पुतिन के हस्ताक्षर के बाद अब यह कानून बन गया है।
पूर्व राष्ट्रपतियों के खिलाफ नहीं होगी कार्रवाई
एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक यह बिल मंगलवार को ऑन लाइन प्रकाशित हुआ। इस कानून के तहत अब पूर्व राष्ट्रपतियों एवं उनके परिवार को अपने जीवनकाल में किए गए गुनाहों की सजा से छूट मिलती रहेगी। यहां तक कि किसी भी मामलें पुलिस अथवा जांच एजेंसी न तो उनसे कोई पूछताछ या जांच करेगी। यहां तक कि उन्हें न तो गिरफ्तार किया जाएगा और न ही उनके आवासों की तलाशी ली जाएगी।
2036 तक राष्ट्रपति बने रहेंगे पुतिन
यह विधेयक उस संवैधानिक संशोधनों का हिस्सा है जिसे इस गर्मी के समय राष्ट्रव्यापी वोटिंग के जरिए मंजूरी दी गई। इस संशोधन के बाद पुतिन के 2036 तक रूस का राष्ट्रपति बने रहने का रास्ता साफ हो गया। रूस के राष्ट्रपति की उम्र अभी 68 साल है। इससे पहले रूस में जो कानून है उसके मुताबिक राष्ट्रपतियों को अपने पद पर रहते हुए किए गए अपराधों से छूट प्राप्त थी।
फेडरेल काउंसिल के अब सदस्य होंगे पूर्व राष्ट्रपति
पुतिन ने जिस बिल पर हस्ताक्षर किए हैं वह पूर्व राष्ट्रपतियों को विशेष सुविधाएं प्रदान करता है। अब पूर्व राष्ट्रपति फेडरेशन काउंसिल अथवा सीनेट के आजीवन सदस्य बने रहेंगे। यह पद पूर्व राष्ट्रपतियों को सजा या मुकदमेबाजी से छूट देता रहेगा। पिछले महीने मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि पुतिन अपने खराब स्वास्थ्य की वजह से राष्ट्रुपति पद से हटना चाहते हैं, हालांकि क्रेमलिन ने इन दावों को खारिज कर दिया। दरअसल, इस तरह की अफवाहें विधेयकों के लंबित होने से उठीं।