सियोल : अमेरिकी हमले में ईरान के शीर्ष सैन्य कमांडर की हत्या की घटना से उत्तर कोरिया के परमाणु निरस्त्रीकरण का कूटनीतिक हल प्रभावित हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि वाशिंगटन और ईरान के बीच तनाव बढ़ने से इस तरह का समाधान निकलने की पहले से कमजोर पड़ चुकी संभावना और भी धूमिल हो जाएगी और उत्तर कोरिया के निर्णय निर्माता हथियारों पर अपनी पकड़ और मजबूत करने के लिए प्रेरित होंगे।
उत्तर कोरिया ने जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या की घटना पर जो शुरुआती प्रतिक्रिया व्यक्त की वह बेहद सतर्कता भरी थी। देश के सरकारी मीडिया ने कई दिन तक इस पर चुप्पी साध रखी थी। उसने सोमवार को हमले पर एक रिपोर्ट जारी की लेकिन इसमें सुलेमानी का नाम तक नहीं था।
कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट में प्योंगयांग की ओर से वाशिंगटन की सीधे कोई आलोचना नहीं की गई, इसमें बस इतना कहा गया कि चीन और रूस ने पिछले हफ्ते बगदाद के हवाईअड्डे पर अमेरिकी हवाई हमले की निंदा की है।
उत्तर कोरिया अपने परमाणु कार्यक्रम के बचाव में आमतौर पर ईराकी नेता सद्दाम हुसैन और लीबिया के नेता मुअम्मर गद्दाफी का नाम लेता है और कहता है कि अगर उन्होंने परमाणु हथियार हासिल कर लिए होते और अमेरिका के आगे समर्पण नहीं किया होता तो आज वे जिंदा होते और सत्ता का आनंद उठा रहे होते।