नई दिल्ली। करीब पांच साल पहले मशहूर मैगजीन शार्ली एब्दो ने पैगंबर मोहम्मद का कार्टून छापा था। उस वक्त मैगजीन के तमाम पत्रकारों को जान देकर कीमत चुकानी पड़ी थी। सबसे बड़ी बात यह है कि आतंकी संगठन अल कायदा ने मैगजीन के दफ्तर पर हमला कर दिया था। हाल ही में इस केस की सुनवाई पेरिस में शुरू होने के कुछ दिन बाद एक स्कूल टीचर सैमुअल पेटी ने अपनी क्लास के बच्चों को पैगंबर मोहम्मद का कार्टून दिखाया जिससे नाराज एक शख्स ने टीचर का गला काट दिया।
नीस में 3 लोगों की निर्मम हत्या
फ्रांस के दक्षिणी शहर नीस में एक चर्च में हमलावर ने एक महिला का गला काट दिया और दो अन्य लोगों की चाकू मारकर निर्मम तरीके से हत्या कर दी। कुछ महीने पहले पेरिस में भी इसी तरह से चाकूओं से गोंदकर एक शख्स की हत्या कर दी गई थी। पेरिस की तरह नीस के मेयर ने आतंकवाद करार दिया नीस के मेयर क्रिस्चियन इस्तोर्सी ने बताया कि नॉट्र डैम चर्च में हुई घटना के बाद हमलावर को गिरफ्तार कर लिया गया।
'कट्टरपंथ इस्लाम पर प्रहार की जरूरत'
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैकॉ पहले ही कह चुके हैं कि अब समय आ गया है कि जब इस्लामिक कट्टरपंथ के खिलाफ मुहिम छेड़ी जाए। हालांकि उनके इस बयाम की तुर्की और पाकिस्तान ने कड़ी आलोचना की। तुर्की ने कहा कि फ्रांस के राष्ट्रपति इस तरह के बयान देकर नफरत का बीज बो रहे हैं। जिसे किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता है। इसके साथ ही पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने कहा कि फ्रांस को इस्लामोफोबिया से बचना चाहिए। फ्रांस के राष्ट्रपति जिस अंदाज में बात कर रहे हैं उससे एक समाज विशेष के प्रति नफरत का भाव पैदा होता है।
आखिर फ्रांस क्यों बन रहा है निशाना
घटना को आतंकवाद करार देने के बाद फ्रांस के आतंकवाद निरोधक विभाग ने जांच की जिम्मेदारी ली है। लेकिन अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि आखिर इस वारदात के पीछे मकसद क्या है। क्या इसका पैगंबर के कार्टून से कोई मतलब है। लेकिन मेयर ने दावा किया है कि आरोपी गिरफ्तार किए जाने के बाद ठीक उसी तरह अल्लाह हू अकबल चिल्ला रहा था जैसे पेरिस की घटना में हुई था। इसके साथ ही फ्रांस के एक और शहर अवीगान में भी इसी तरह की घटना दर्ज की गई है।