नई दिल्ली: महीनों पहले जब चीन के वुहान शहर में किसी वायरस के फैलने के खबरें सामने आईं तो किसने ऐसा सोचा था कि देखते ही देखते यह वायरस पूरी दुनिया को अपने चपेट में ले लेगा। दुनिया के बड़े बड़े देश जिन्हें अपने स्वास्थ्य व्यवस्था पर बड़ा गुमान था वह सब एक वायरस के आगे बेबस नजर आ रहे हैं। क्या अमेरिका, इटली और क्या यूरोप, जहां देखो तो बस कोरोना वायरस का डर, बीमारी से जूझते हजारों लोग और लॉकडाउन का सन्नाटा ही नजर आ रहा है।
कोरोना महामारी को दुनिया पर आए विश्व युद्ध से भी बड़े संकट के तौर पर देखा जा रहा है और कुछ महीनों पहले तक जो नजारे दुनिया में अलग अलग जगहों पर देखने को मिलते थे, आज तस्वीर उससे कहीं ज्यादा जुदा है। कैमरे की नजर से देखें तो तो साफ पता चलता है कि बीते कुछ समय में दुनिया बहुत बदल गई है।
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कोरोना महामारी के बीच संयुक्त राष्ट्र ने आगाह करते हुए और बच्चों पर कोरोना वायरस महामारी के प्रभाव के आकलन के बाद कहा है कि इस महामारी से पैदा होने वाली वैश्विक मंदी के कारण इस साल हजारों बच्चों की मौत हो सकती हैं। जिससे शिशु मृत्यु दर को कम करने के कोशिशों को झटका लग सकता है।
इसके अलावा हाल ही में खबर आई है कि भारत और चीन को छोड़कर दुनिया भर में किसी भी देश की ग्रोथ रेट प्लस में नहीं रहने वाली है। विशेषज्ञों का ऐसा मानना है कि इस आर्थिक संकट से उबरने में लंबा समय लग सकता है।
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भारत में अब तक कोरोना के 13,300 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं जबकि 1700 से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गंवा दी है।देश में दूसरे चरण का लॉकडाउन लागू है और इन सबके बीच कोरोना संक्रमण के मामले रूक नहीं रहे हैं। दुनिया के दूसरे देशों में भी यही हाल है। सबसे संपन्न देश अमेरिका में कोरोना वायरस एक कहर बनकर टूट रहा है और पिछले चौबीस घंटे में लगभग 4500 मौतें इसकी गवाही दे रही है।