यूक्रेन में रूस के हमले के बाद से भीषण जंग जारी है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की का दावा है कि छह दिनों के युद्ध में लगभग छह हजार रूसी सैनिक मारे गए हैं। वहीं यूक्रेन का यह भी कहना है कि रूस की ओर से यहां रिहायशी इलाकों में भी बमबारी की जा रही है, जिसकी चपेट में आम नागरिक भी आ रहे हैं। मुश्किलें भारतीय छात्रों के लिए भी हैं, जो बड़ी संख्या में यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई के लिए जाते हैं।
यूक्रेन के एयरस्पेस पर रूस का कब्जा है और ऐसे में भारतीय नागरिकों की यूक्रेन से सुरक्षित वापसी में कई तरह की मुश्किलें आ रही हैं। भारतीय छात्रों को यूक्रेन की सीमा से सटे देशों से वापस भारत लाया जा रहा है। भारत ने पहले भी इस मामले में रूस से बात की थी और भारतीय छात्रों व नागरिकों की सुरक्षा को लेकर अपनी चिंताओं से अवगत कराया था। भारत सरकार इस मसले पर अब भी रूस के संपर्क में है और आपात निकासी पर बातचीत हुई है।
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भारत में रूस के राजदूत (मनोनीत) डेनिस अलीपोव ने इसकी पुष्टि की तो भारत के साथ रूस के रणनीतिक संबंधों और भारत को S-400 मिसाइल प्रणाली सौंपे जाने के मसले पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, 'हम खारकीव और पूर्वी यूक्रेन के अन्य क्षेत्रों में फंसे भारतीयों की निकासी के लिए भारतीय अधिकारियों के संपर्क में हैं। हमें रूसी क्षेत्र के जरिये भी वहां फंसे लोगों की आपात निकासी के लिए भारत का अनुरोध मिला है।'
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भारत के साथ रूस के संबंधों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, 'हम भारत के साथ रणनीतिक सहयोगी हैं। भारत ने संयुक्त राष्ट्र में अपनी जो संतुलित नीति दिखाई है, उसके लिए हम भारत के आभारी हैं। भारत इस संकट की गहराई को समझता है।' भारत को S-400 मिसाइल प्रणाली की आपूर्ति के संबंध में उन्होंने कहा कि इसमें किसी तरह की बाधा नहीं है। प्रतिबंध चाहे नए हों या पुराने, इससे इसमें कोई फर्क नहीं पड़ता।