USISPF Meaning: यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फोरम यानि USISPF की खासी चर्चा है, तो बता दें कि यूएसआईएसपीएफ एक गैर-लाभकारी संगठन है बताते हैं जिसका मुख्य उद्देश्य अमेरिका-भारत द्विपक्षीय और रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करना है।कार्यकारी बोर्ड ने 2017 में यूएसआईएसपीएफ को स्थापित करने के उद्देश्य से व्यापार और सरकारों को सहयोग करने के लिए ... और नागरिकों के जीवन को सकारात्मक रूप से बदलने के लिए सार्थक अवसर बनाने के लिए एक साथ आए।
यूएसआईएसपीएफ का गठन अमेरिकी-भारत संबंधों में एक नए अध्याय का संकेत देता है। आर्थिक और वाणिज्यिक संबंधों को मजबूत करने के लिए समर्पित, यूएसआईएसपीएफ नीतिगत वकालत के माध्यम से दोनों देशों के बीच एक मजबूत और गतिशील रिश्ते को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जो कि एक अधिक समावेशी समाज बनाने के लिए आर्थिक विकास, उद्यमशीलता, रोजगार-सृजन और नवाचार को बढ़ावा देगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (गुरुवार) रात 9 बजे अमेरिका-भारत रणनीतिक एवं साझेदारी मंच (USISPF) के तीसरे लीडरशिप समिट को संबोधित करेंगे। पीएम मोदी ने ट्वीट कर इस बारे में बताया। इससे पहले USISPF के प्रमुख मुकेश अघी ने इसके लिए पीएम मोदी का आभार जताया था। मौजूदा परिदृश्य में भारत और अमेरिका के संबंधों को देखते हुए इसे बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
यूएसआईएसपीएफ के तीसरे लीडरशिप समिट को संबोधित किए जाने के संबंध में पीएम मोदी ने ट्वीट किया, 'मैं @USISPForum #USIndiasummit2020 में संबोधन को लेकर उत्सुक हूं। नेविगेशन न्यू चैलेंजेज पर अपनी बात रखूंगा। भारतीय समयानुसार, 3 सितंबर को रात 9 बजे लाइव ज्वाइन कीजिये।'
इससे पहले USISPF के प्रमुख मुकेश अघी ने कहा था, 'हम सम्मानित महसूस कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूएसआईएसपीएफ के वार्षिक कार्यक्रम को संबोधित करने के लिए समय निकाला। यह मौजूदा चुनौतीपूर्ण माहौल में अमेरिका-भारत संबंधों के महत्व को दर्शाता है।' उन्होंने कहा कि यह भारत और अमेरिका, दोनों देशों के लिए फायदे की साझेदारी है जो परस्पर भू-राजनीतिक, व्यापारिक, सांस्कृतिक, कूटनीतिक और वैज्ञानिक साझेदारी पर निर्भर है।
चीन का आक्रामक रुख भारत और अमेरिका को आपसी सहयोग बढ़ाने और अंतरराष्ट्रीय कानून का अनुपालन सुनिश्चित किए जाने को लेकर एक और मौका देता है। एक सप्ताह चलने वाले इस भारत अमेरिका सम्मेलन को पहले दिन अमेरिका उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने संबोधित किया था। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी मंगलवार को चर्चा में हिस्सा लिया था और अब खुद प्रधानमंत्री इस मंच से अपनी बात रखने जा रहे हैं।