लाहौर : पाकिस्तान के लोगों को रोटी खाने के लाले पड़ गए हैं। पाकिस्तान के कई शहरों में पहली बार आटे की कीमत प्रति किलो 75 रुपए तक पहुंच गई है। स्थानीय मीडिया की रिपोर्टों में कहा गया है कि आपूर्ति की भारी किल्लत होने से आटे की कीमत आसमान छूने लगी है। इस बीच, प्रधानमंत्री इमरान खान विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की सलाना बैठक में हिस्सा लेने के लिए मंगलवार को दावोस रवाना हो गए।
दुनिया न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक आटे की सबसे ज्यादा किल्लत उत्तर पश्चिमी प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में देखी जा रही है। यहां गेहूं के आटे की 85 किलो की बोरी 5,200 की जबकि 20 किलो की एक बोरी 1,100 पाकिस्तानी रुपए में बेची जा रही है। यही नहीं, मुल्तान में भी आटा उपलब्ध नहीं है। लाहौर स्थित एक मीडिया संस्थान की रिपोर्ट के मुताबिक आटे की किल्लत होने से लोग काफी परेशान हैं। यहां खुले मार्केट में आटा प्रति किलो 60 पीकेआर से ज्यादा में बिक रहा है।
बता दें कि प्रांतीय सरकार से बातचीत असफल हो जाने के बाद खैबर पख्तूनख्वा में नॉन बेचने वाले हड़ताल पर चले गए हैं। आटे की किल्लत पाकिस्तान के अन्य शहरों लाहौर, फैसलाबाद, मुल्तान और गुजरावाला में पैदा हो गई है। इन शहरों में आटा प्रतिकिलो 70 (पीकेआर) में बिक रहा है। खैबर पख्तूनख्वा में मंगलवार को भी नॉन नहीं मिली। यहां ब्रेड की बहुत कम दुकानें खुल रही हैं। इस प्रांत में एक नॉन 60 रुपए में बिक रही है।
देश में आटे की किल्लत को देखते हुए प्रधानमंत्री इमरान खान ने जमाखोरों पर कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। वहीं, लोगों का कहना है कि सरकार को गेहूं का आयात अन्य देशों से करना चाहिए ताकि उन्हें रोटियां मिल सकें। इस बीच, आटे की किल्लत के बीच इमरान खान वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए दावोस (स्विटजरलैंड) रवाना हो गए। बताया जाता है कि वह इस सम्मेलन से इतर दुनिया के कई नेताओं के साथ मुलाकात करेंगे।