कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच WHO ने फेसमास्‍क को लेकर बदली सलाह, किया आगाह

WHO advice on face masks : दुनियाभर में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने फेसमास्क लगाने को लेकर अपनी सलाह में बदलाव किया है। साथ ही इसे लेकर आगाह भी किया है।

कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच WHO ने फेसमास्‍क को लेकर बदली सलाह, किया आगाह
कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच WHO ने फेसमास्‍क को लेकर बदली सलाह, किया आगाह  |  तस्वीर साभार: AP, File Image
मुख्य बातें
  • विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने फेसमास्‍क को लेकर अपनी सलाह में बदलाव किया है
  • वैश्विक स्‍वास्‍थ्‍य संस्‍था ने कहा है कि फेसमास्‍क तीन लेयर का होना चाहिए
  • डब्‍ल्‍यूएचओ ने यह भी कहा है कि मास्‍क संक्रमण से बचाव की गारंटी नहीं है

जेनेवा : दुनियाभर में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच फेसमास्‍क चर्चा का विषय बना हुआ है, जिसे संक्रमण के बढ़ते मामलों की रोकथाम में कारगर माना जाता है। चीन में सबसे पहले कोविड-19 का मामला सामने आने के बाद से ही यह सुर्खियों में बना हुआ है। दुनिया के कई हिस्‍सों में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए घर से बाहर निकलने वालों के लिए फेसमास्‍क लगाना अनिवार्य कर दिया है और ऐसा नहीं करने वालों पर जुर्माना लगाने का भी प्रावधान किया गया है। इस बीच विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) ने फेसमास्‍क को लेकर नई सलाह दी है।

कब लगाएं फेसमास्‍क?

डब्‍ल्‍यूएचओ ने शुक्रवार को इस संबंध में नई सलाह जारी की है, जिसमें कहा गया है कि जिन क्षेत्रों में कोरोना केस बढ़ रहे हैं और 'फिजिकल डिस्‍टेंसिंग' को बरकरार रखना मुश्किल हो, वहां फेसमास्‍क जरूर पहना जाना चाहिए। डब्ल्यूएचओ के निदेशक टेड्रॉस ऐडहॉनम गीब्रियेसस के अनुसार, 'सरकारों को अपने नागरिकों को खास तौर पर उन इलाकों में फेसमास्‍क पहनने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए, जहां संक्रमण का खतरा हो और फिजिकल डिस्‍टेंसिंग को बरकरार रख पाना मुश्किल हो।'

कितना कारगर है मास्‍क?

डब्ल्यूएचओ ने 60 साल से अधिक उम्र के लोगों और पहले से किसी स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या का सामना कर रहे लोगों को विशेषकर मास्‍क पहनने की सलाह दी है। हालांकि वैश्विक स्वास्‍थ्‍य संस्‍थान ने यह भी स्‍पष्‍ट किया है कि केवल फेसमास्‍क पहनने भर से कोविड-19 के संक्रमण से नहीं बचा सकता। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आपातकालीन निदेशक माइकल रेयान के अनुसार, मास्‍क प्राथमिक तौर पर बीमार व्‍यक्ति से दूसरे लोगों में होने वाले संक्रमण की रोकथाम के लिए है। यह किसी स्‍वस्‍थ व्‍यक्ति के संक्रमण की चपेट में न आने का आश्‍वासन नहीं है।

WHO ने किया आगाह

इसलिए इस‍ संबंध में विशेष सतर्कता अपनाने की जरूरत है और किसी को भी यह नहीं समझना चाहिए कि मास्‍क लगाने के बाद वह संक्रमण से बच जाएगा। फेसमास्‍क, फिजिकल डिस्‍टेंसिंग और समय-समय पर हाथों को साबुन से साफ किए जाने या सैनिटाइज किए जाने की जगह नहीं ले सकता। डब्ल्यूएचओ ने यह भी कहा है कि जिन लोगों में संक्रमण की पुष्टि हो गई है या जिनमें इसके लक्षण दिखाई दे रहे हैं, उनहें घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए और अगर बहुत जरूरी हुआ तो उन्‍हें व उनके संपर्क में आने वालों को मेडिकल मास्‍क जरूर लगाना चाहिए।

इन लोगों का मास्‍क लगाना जरूरी

डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि किसी संक्रमित व्‍यक्ति की घर में देखभाल करने वाला शख्‍स हो या स्‍वास्‍थ्‍यकर्मी, उन्‍हें प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट के साथ-साथ मास्‍क जरूर पहनना चाहिए। अपनी नई सलाह में वैश्विक स्‍वास्‍थ्‍य संस्‍था ने यह भी कहा है कि न केवल कोविड-19 के मरीजों की देखभाल या उपचार में शामिल स्‍वास्‍थ्‍यकर्मी ही नहीं, बल्कि स्‍वास्‍थ्‍य केंद्रों के क्लिनिकल सेक्‍शन में काम करने वाले सभी लोगों को मास्‍क पहनना चाहिए।

कैसा हो फेसमास्‍क?

डब्ल्यूएचओ ने यह भी बताया है कि आम लोगों के लिए नॉन-मेडिकल मास्‍क किस तरह का होना चाहिए। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, यह तीन लेयर में होना चाहिए और हर लेयर में अलग-अलग मटीरियल का इस्‍तेमाल किया जाना चाहिए। इसके अनुसार, भीतर का लेयर जहां कॉटन से तैयार किया जाना चाहिए, वहीं बीच का लेयर पॉलीप्रोपाइलीन से तैयार होना चाहिए, जो फिल्‍टर की तरह काम करता है, जबकि बाहरी लेयर पॉलिस्‍टर जैसे मटीरियल से बना होना चाहिए, जो वाटर-रेसिस्‍टेंट हो।

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