दुबई : दुबई के शासक की बेटी शहजादी लतीफा अल मकतूम सुर्खियों में हैं, जिन्होंने अपने ही पिता शेख मुहम्मद बिन राशिद अल मकतूम पर 'बंधक' बनाने का आरोप लगाया है। इस वीडियो में उन्होंने उन घटनाओं और उसके बाद की जिंदगी के बारे में बयां किया है, जब फरवरी 2018 में उन्हें भारतीय सीमा के निकट दुबई के सुरक्षा बलों ने पकड़ लिया था और उन्हें वापस देश ले गए थे।
उन्होंने बताया है कि किस तरह बोट पर उनकी सुरक्षा बलों के साथ हाथापाई हुई और अब जब उन्हें यहां एक विला में रखा गया है तो उन्हें किस मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। शहजादी ने यह भी बताया है कि बीते तीन साल में उन्होंने सूरज की रोशनी नहीं देखी है और जिस विला में उन्हें रखा गया है, वह जेल की तरह है, जिसमें बाहर पुरुष सुरक्षाकर्मी और भीतर महिला सुरक्षाकर्मी 24 घंटे उनकी निगरानी करते हैं।
शहजादी लतीफा के अनुसार, विला में उन्हें सिर्फ अपने बाथरूम को ही लॉक करने की अनुमति है। यह वीडियो उन्होंने एक सीक्रेट फोन की मदद से बनाया, जिसे उन्होंने अपने उन दोस्तों को भेजा, जिन्होंने दो साल पहले फरवरी 2018 में उन्हें घर से भागने में मदद की थी, ताकि दुबई की बंदिशों से दूर वह खुले माहौल में जिंदगी जी सकें। उनकी योजना अमेरिका में राजनीतिक शरण पाने की थी, जो शहजादी के पकड़े जाने के साथ ही धरी रह गई।
दुबई की शहजादी के इन आरोपों ने एक बार फिर संयुक्त अरब अमीरात में महिलाओं की स्थिति को लेकर सवाल खड़े किए हैं, जिसके बारे में कार्यकर्ता कहते रहे हैं कि दुबई के शासक शेख मुहम्मद बिन राशिद अल मकतूम ने भले ही एक कामयाब शहर का निर्माण किया है, जहां दुनियाभर से लोग कारोबार के लिए पहुंचते हैं, लेकिन यहां महिलाएं कई तरह की पाबंदियों में जकड़ी हैं और उनकी असहमति के लिए कोई स्थान नहीं है।
शहजादी लतीफा (35) दुबई के शासक शेख मुहम्मद बिन राशिद अल मकतूम की 25 संतानों में से एक हैं। उन्हें वही पाबंदियां पसंद नहीं आईं, जिसे लेकर मानवाधिकार कार्यकर्ता आवाज उठाते रहे हैं। इन्हीं पाबंदियों से पार पाने के लिए उन्होंने साल 2018 की शुरुआत में अपने दोस्तों के साथ यहां से भागने की योजना बनाई थी। लेकिन आठ दिनों बाद ही उन्हें हिंद महासागर में भारत से सटे अंतराष्ट्रीय जल क्षेत्र में पकड़ लिया गया था।
प्रिंसेस लतीफा को दुबई से भागने में उनके जिन दोस्तों ने मदद दी थी, उनमें मूलत: फिनलैंड से ताल्लुक रखेन वाली टीना जोहैनेन शामिल हैं, जिनका कहना है कि उन्होंने आखिरी बार अपनी दोस्त को तब देखा था, जब फरवरी 2018 में उन्होंने दुबई से निकलकर विदेश में एक नई जिंदगी शुरू करने की जोखिमभरी योजना बनाई थी। वे दुबई से ड्राइविंग करते हुए निकले और ओमान के तट से अंतरराष्ट्रीय सागर में दाखिल हुए।
इससे पहले एक वीडियो में शहजादी लतीफा ने दुबई छोड़ने की वजह को बयां करते हुए कहा था कि वह वर्ष 2000 से देश से बाहर नहीं गई हैं और उन्हें कहीं भी जाने, कुछ पढ़ने या अपनी मर्जी का ऐसा कुछ भी करने की अनुमति नहीं है, जो लोग सामान्य तौर पर करते रहे हैं। इस बीच उन्होंने कुछ वक्त अपनी दोस्त टीना के अपार्टमेंट में भी बिताया था और कहा था कि अब वह अपनी जिंदगी में जो चाहेंगी, कर सकेंगी।
अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र से होते हुए उनकी योजना आखिरकार हवाई मार्ग से अमेरिका जाकर वहां राजनीतिक शरण मांगने की थी, लेकिन आठ दिन बाद ही भारतीय तट के करीब अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में उन्हें पकड़ लिया गया। इस दौरान टीना को भी यूएई ले जाया गया था, लेकिन दो सप्ताह बाद उन्हें छोड़ दिया गया, जिसके बाद उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मीडिया में अपनी और अपनी दोस्त की कहानी बयां की।
टीना ने इस मसले को संयुक्त राष्ट्र में भी उठाया और अपनी दोस्त की आजादी के लिए 'फ्री लतीफा' कैंपेन की शुरुआत की। संयुक्त राष्ट्र की पूर्व मानवाधिकार दूत मैरी रॉबिनसन, जो राजकुमारी लतीफा को फरवरी 2018 में 'कैद' किए जाने के करीब 9 महीने बाद दिसंबर 2018 में दुबई में उनसे मुलाकात कर चुकी हैं, ने भी मामले की जांच कराने की मांग की है तो ब्रिटेन के विदेश मंत्री ने भी इस पर चिंता जताई है।
मैरी रॉबिनसन से राजकुमारी लतीफा की मुलाकात के बाद यूएई ने उनकी साथ में ली गई तस्वीर जारी करते हुए कहा था कि शहजादी परिवार की देखभाल में सुरक्षित हैं। शहजादी से उनकी मुलाकात उन अंतरराष्ट्रीय आरोपों के बीच करवाई गई थी, जिनमें राजकुमारी लतीफा की 'गुमशुदगी' का हवाला देकर उनके जिंदा या सुरक्षित होने को लेकर सवाल उठाए गए थे। इस मुलाकात के बाद यह चर्चा यहीं बंद हो गई थी, लेकिन शहजादी के नए वीडियो के बाद यह एक बार फिर सुर्खियों में है।