नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (28 नवंबर) को 'मन की बात' कार्यक्रम में पर्थ में रहने वाली तारिणी दासी का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि तारिणी दासी, 12 साल वृंदावन में रहने के बाद ऑस्ट्रेलिया में रहते हुए कभी वृंदावन को नहीं भुला पाईं। और उन्होंने वहीं पर वृंदावन बना दिया। और वह पर्थ में एक ‘Sacred India Gallery’ इस नाम से एक आर्ट गैलरी भी बनाई है।
कौन हैं जगत तारिणी दासी
तारिणी दासी मूल रुप से मेलबर्न की रहने वाली हैं। और बाद में 21 साल की उम्र में सिडनी में बस गईं। और उसके बाद 1984 में वृंदावन चली गई। और वहां 12 साल रही। इसके बाद 1996 में परिवार के साथ ऑस्ट्रेलिया के पर्थ लौट गईं। लेकिन ऑस्ट्रेलिया लौट कर भी उनका मन वृंदावन में ही लगा रहा। और उसी की वजह से उनके मन में पर्थ Sacred India Gallery खोलने का विचार आया।
मरते हुए दोस्त से मिला आइडिया
Sacred India Gallery पर दी गई जानकारी के अनुसार उनके एक मृत्युशैय्या पर पड़े एक दोस्त ने भगवान की कृष्ण का एक इंच की, मूर्ति उपहार स्वरूप भेजी थी। उस छोटी सी मूर्ति से उन्हें प्रेरणा मिली। और उन्होंन वृंदावन की कहानियों को छोटा डियोराम बनाकर पेश किया। धीरे-धीरे उनके काम की लोकप्रियता बढ़ती गई और उन्हें लंदन में अपने काम को प्रदर्शित करने के लिए आमंत्रित किया गया था। और इस प्रोजेक्ट के लिए उन्होंने विशेष रूप से 12 बड़े मॉडल बनाए। और यही से गैलरी ने मूर्त रूप लेना शुरू किया। और 2012 उसे पब्लिक के लिए खोल दिया।
भगवान कृष्ण की परंपरा की दिखती है झलक
तारिणी ने वृंदावन, नवद्वीप और जगन्नाथपुरी की परंपरा और संस्कृति की झलक को गैलरी में पेश किया है। यहां पर भगवान कृष्ण के जीवन से जुड़ी कई कलाकृतिया प्रदर्शित की गई हैं। एक कलाकृति ऐसी है, जिसमें भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठा रखा है, जिसके नीचे वृंदावन के लोग आश्रय लिए हुए हैं।
Sacred Gallery का वीडियो देखने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें.. http://www.sacredindia.com.au/vrindavalley