नई दिल्ली : देश अपनी रक्षा जरूरतों के हिसाब से हथियारों की खरीदारी खरीदते हैं। दुश्मन देशों से अपनी सुरक्षा करने के लिए हथियारों की रेस में पड़ना उनकी मजबूरी होती है। दुनिया में तमाम शांतिप्रिय ऐसे देश हैं जिनका किसी से कोई झगड़ा या विवाद नहीं, इसलिए उन्हें अपनी सैन्य क्षमता के विस्तार की जरूरत नहीं पड़ती। कुछ ऐसे देश भी हैं जो दिखावे और पड़ोसी देशों पर अपनी धौंस जमाए रखने के इरादे से हथियारों की खरीद और नुमाइश करते हैं। पूर्वी एशिया का देश इंडोनेशिया ऐसा ही देश है जो भारी-भरकम हथियार खरीदने की तैयारी कर रहा है।
राफेल, ड्रोन खरीदना चाहता है इंडोनेशिया
इंडोनेशिया का हाल-फिलहाल किसी देश से युद्ध का खतरा नहीं है। फिर भी वह अत्याधुनिक एवं घातक हथियारों को खरीदने की होड़ में जुटा है। वह राफेल, बोइंग एफ-15 ईएक्स, सी-130जे सुरपर हरक्यूलिस, एयरबस ए-330, एमक्यू-1 प्रिडेटर ड्रोन, वार्निंग रडार सिस्टम लियोनार्डो खरीदना चाहता है।
वायु सेना प्रमुख ने राफेल खरीदने की पुष्टि की
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक इंडोनेशिया वायु सेना के प्रमुख मार्शल फजर प्रसेत्यो ने गुरुवार को कहा कि उनका देश 2021 से 2024 के बीच बोइंग से एफ-15 ईएक्स और फ्रांस से राफेल लड़ाकू विमान खरीदेगा। वायुसेना लीडरशिप मीटिंग के दौरान वायु सेना प्रमुख ने कहा कि उनका देश परिवहन विमान सी-130 जे और ड्रोन खरीदने का इरादा रखता है। उन्होंने 2022 तक फ्रांस से 36 राफेल और अमेरिका से आठ एफ-15 ईएक्स लड़ाकू विमान मिलने की उम्मीद जताई। प्रसेत्यो ने कहा कि इस साल वायु सेना को आधुनिकीकरण भी किया जाएगा।
इंडोनेशिया पर है भारी कर्ज
वायु सेना प्रमुख ने आगे कहा कि वैश्विक स्थिति एवं देश की क्षमता को देखते हुए देश की रक्षा खरीद योजना कई बदलावों के दौर से गुजरी है। प्रसेत्यो का कहना है कि भविष्य की अपनी जरूरतों को देखते हुए उनका देश दुनिया की बेहतरीन हथियारों को पाने की कोशिश कर रहा है। रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि इन हथियारों को खरीदने के लिए इंडोनेशिया यदि आगे बढ़ता है तो यह उसकी अब तक की सबसे बड़ी रक्षा खरीद होगी। सवाल है कि कर्ज से लदे इंडोनेशिया को क्या केवल लड़ाकू विमानों पर 11 अरब डॉलर की भारी भरकम राशि खर्च करनी चाहिए।
इंडोनेशिया का रक्षा बजट 9.2 अरब अमेरिकी डॉलर
'एशिया टाइम्स' की रिपोर्ट के मुताबिक इंडोनेशिया का साल 2021 के लिए रक्षा बजट 9.2 अरब अमेरिकी डॉलर का है। इसमें तीन अरब डॉलर सेना के आधुनिकीकरण के लिए है। इंडोनेशिया रूस से 11 सुखोई सू-35 भी खरीदने वाला था लेकिन अमेरिकी प्रतिबंधों की आशंका को देखते हुए उसने अब अपने हाथ पीछे खींच लिए हैं। अत्याधुनिक राफेल खरीदने की डील इंडोनेशिया यदि पक्की कर लेता है तो इन विमानों को हासिल करने वाला पूर्व एशिया का वह पहला देश बन जाएगा।