लंदन: इस्लामाबाद के कहने पर पाकिस्तानी राजनयिक कराची में पैदा हुए अरबपति बिजनेस टायकून आरिफ नकवी की प्रत्यर्पण प्रक्रिया को बाधित करने के लिए कुछ भी करने पर आमादा हैं। यह कारोबारी अमेरिका में वैश्विक धनशोधन का आरोपी है। नकवी ने दुबई में एक सबसे बड़ी निजी इक्वि टी कंपनी द अबराज ग्रुप की स्थापना की थी, और पाकिस्तान के शीर्ष राजनेताओं, नौकरशाहों और बड़े हवाला कारोबारियों से इसके घनिष्ठ संपर्क हैं।
अमेरिकी संघीय अधिकारियों के अनुरोध पर स्कॉटलैंड यार्ड ने नकवी को पिछले साल गिरफ्तार किया था, जो अपने परिवार के साथ मध्य लंदन में रहता है। सूत्रों ने कहा कि मई 2019 में लंदन की वैंड्सवर्थ जेल से अपनी रिहाई के तत्काल बाद नकवी ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरेशी से मुलाकात की थी, जो ब्रिटेन के एक राजकीय दौरे पर थे। कथित तौर पर नकवी का परिवार भी लंदन में पाकिस्तानी उच्चायुक्त मोहम्मद नफीस जकारिया का करीबी है।
पाकिस्तान के कैरियर राजनयिक जकारिया पहले यहां उपउच्चायुक्त रह चुके हैं, और ब्रिटिश राजनीतिक और कानूनी गलियारों में उनकी अच्छी पकड़ है। इस्लामाबाद को डर है कि नकवी को अमेरिका प्रत्यर्पित किए जाने के बाद सरकार के कुछ अति रसूखदार लोगों के अबराज ग्रुप के साथ जुड़ाव जाहिर हो जाएंगे, जिनमें कराची और दुबई स्थित संदिग्ध पृष्ठभूमि वाले हवाला संचालक भी शामिल हैं।
इस्लामाबाद ने ग्रुप के ऊपर बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन और अन्य संबंधित अमेरिकी लोगों सभी पैसे लौटाने में भी मदद की। अमेरिकियों के साथ खातों का निपटारा करने के आधार पर नकवी के वकीलों ने आग्रह किया कि कोई भी सुनवाई अब ब्रिटेन में ही हो सकती है, जहां नकवी रहता है। सूत्रों ने कहा कि अरबपति नकवी द्वारा लगाए गए वकीलों के समूह के अतिरिक्त पाकिस्तानी राजनयिक भी इस कथित घोटालेबाज को दस्तावेजीकरण और लॉजिस्टिक सपोर्ट मुहैया करा रहे हैं, जो 23 करोड़ डॉलर से अधिक कीमत के फंड का गबन करने का आरोपी है।
आईएएनएस के पास उपलब्ध रिकॉर्ड के अनुसार, नकवी के नेतृत्व वाला दुबई स्थित अबराज ग्रुप सार्वजनिक फंड चुराने और धनशोधन का आरोपी है। एक समय उसने 13 अरब डॉलर के फंड प्रबंधन का दावा किया था, और बाद सार्वजनिक धन के दुरुपयोग में संलिप्त हो गया। अबराज के स्वास्थ्य देखभाल फंड में भी बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने बड़ी राशि निवेश की थी। शुरुआत में बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन को ही रैकेट की आहट लगी और उसने अपने फंड के दुरुपयोग को लेकर चिंता जाहिर की थी, जिससे अबराज ग्रुप के खात्मे का रास्ता खुला।
मजेदार बात यह कि नकवी के परिवार ने प्रारंभ में कराची में अमन फाउंडेशन नामक एक एनजीओ स्थापित किया था, और सिंध प्रांत में राज्य सरकार की मदद से एक परिवार कल्याण कार्यक्रम शुरू करने के लिए बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन के साथ एक गठजोड़ किया था। लंदन स्कूल ऑफ इकॉनॉमिक्स से ग्रेजुएट नकवी ने कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों में काम किया है। वर्ष 2020 में उसने अबराज फाउंडेशन की स्थापना की, और 2012 में कंपनी का औरोज कैपिटल में विलय हो गया और उसके बाद यह द अबराज ग्रुप बन गया। जब बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने फंड के दुरुपयोग को लेकर सवाल खड़े किए, नकवी चुपचाप द अबराज ग्रुप के सीईओ पर से हट गया, क्योंकि कंपनी के खिलाफ उसकी फंड प्रबंधन की परंपराओं को लेकर कई जांच शुरू हो गई।
नकवी के समृद्ध कला संग्रह को लेकर भी सवाल उठे हैं। अबराज के पतन से पहले नकवी के स्वामित्व वाली एक कलाकृति क्रिस्टीज के जरिए 2018 में 20 लाख पाउंड में बिकी थी।