भारत से कारोना वैक्सीन क्यों मांग नहीं रहा पाकिस्तान, कहीं ये वजह तो नहीं

दुनिया
आलोक राव
Updated Jan 27, 2021 | 08:28 IST

भारत अपने पड़ोसी मुल्कों नेपाल, बांग्लादेश, म्यांमार, भूटान, श्रीलंका, अफगानिस्तान, मालदीव, सेशेल्स और मॉरीशस को कोरोना का टीका भेज चुका है। कई मुल्क चाहते हैं कि भारत उन्हें टीका भेजे।

Why Pakistan not asking Corona vaccine from India
भारत से कारोना वैक्सीन क्यों मांग नहीं रहा पाकिस्तान। 
मुख्य बातें
  • कोरोना टीके के लिए पाकिस्तान ने चीन की कंपनी साइनोफॉर्म से करार किया है
  • साइनोफॉर्म पाकिस्तान 11 लाख कोरोना टीके का डोज देगी, अभी खेप नहीं पहुंची
  • कोरोना टीका पाने की दौड़ में पाकिस्तान पीछे हो गया है, इसकी झुंझलाहट दिखने लगी है

नई दिल्ली : दुनिया के सबसे बड़े कोरोना वैक्सीन अभियान में जुटे भारत ने अपने पड़ोसी देशों सहित दुनिया के कई देशों को कोविड-19 टीके की मदद की है। इसे भारत की 'वैक्सीन डिप्लोमेसी' के रूप में देखा जा रहा है लेकिन पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को अभी तक कोरोना का टीका नहीं मिल पाया है। वह टीके के लिए चीन पर निर्भर है। चीनी कंपनी साइनोफॉर्म के साथ उसकी 11 लाख टीके के डोज की बुकिंग हुई है। मसलन इससे साढ़े पांच लाख लोगों को ही टीका लग पाएगा। पाकिस्तान की आबादी 22 करोड़ है और उसे अपनी इस आबादी को कोरोना का टीका लगाने के लिए कोरोना टीके के 44 करोड़ डोज की जरूरत होगी।   

भारत ने पड़ोसी मुल्कों को मुफ्त में भिजवाया टीका
भारत अपने पड़ोसी मुल्कों नेपाल, बांग्लादेश, म्यांमार, भूटान, श्रीलंका, अफगानिस्तान, मालदीव, सेशेल्स और मॉरीशस को कोरोना का टीका भेज चुका है। सऊदी अरब, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका सहित तमाम देशों में भारतीय टीके पहुंच रहे हैं। भारत इन सभी देशों की मदद कर रहा है लेकिन पाकिस्तान इस फेहरिस्त में कहीं भी शामिल नहीं है। भारत सरकार का कहना है कि उसे पाकिस्तान से किसी तरह का अनुरोध प्राप्त नहीं हुआ है। जाहिर है कि कोरोना टीके के लिए भारत सरकार ने गेंद पाकिस्तान के पाले में डाल दी है लेकिन इस्लामाबाद की तरफ से भारतीय टीके में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई गई है। दोनों देशों के संबंधों के जानकारों का मानना है कि भारतीय टीके की मांग न करना पाकिस्तान सरकार के लिए घरेलू राजनीति एवं चीन की मजबूरी हो सकती है। 

दवाओं के लिए भारत से कच्चा माल आयात करता है पाकिस्तान
दवा कारोबार के क्षेत्र में भारत और पाकिस्तान की निजी दवा कंपनियां लंबे समय से एक दूसरे के साथ जुड़ी हुई हैं। पाकिस्तान अपने यहां  बनने वाली 60 प्रतिशत दवाओं का कच्चा माल भारत से आयात करता है। यही नहीं कैंसर, टीवी और दिल की बीमारियों की दवाएं एवं एंटी रैबीज वैक्सीन भी पाकिस्तान भारत से खरीदता है। दवा कारोबार में पाकिस्तान की भारत पर निर्भरता काफी ज्यादा है लेकिन कोरोना वैक्सीन के लिए उसकी तरफ से कोई पहल नहीं की गई है। यह बात गौर करने वाली है कि पाकिस्तान में बड़ी संख्या में देसी और विदेशी दवा निर्माता कंपनियां हैं लेकिन इनमें से किसी के पास वैक्सीन बनाने की क्षमता एवं योग्यता नहीं है। 

टीके की दौड़ में पिछड़ गया है पाकिस्तान
दुनिया भर के देश कोरोना टीके के लिए कहीं न कहीं लामबंद हुए हैं और अपने लिए टीके की व्यवस्था की है। दक्षिण एशिया के तमाम मुल्कों के पास भारत का टीका पहुंच गया है लेकिन पाकिस्तान टीके की दौड़ में पिछड़ गया है, इसकी झुंझलाहट उसके सियासतदानों और आवाम में दिखने लगी है। लोगों और पाकिस्तानी मीडिया में इमरान सरकार के प्रति लोगों की नाराजगी देखने को मिल रही है। पाकिस्तान को अभी तक कोरोना टीका नहीं मिलने के पीछे इमरान सरकार का ढील ढाला रवैया भी माना जा रहा है। यह अलग बात है कि कोरोना संक्रमण से विशाल आबादी वाले पाकिस्तान को उतना नुकसान नहीं पहुंचा है। पाकिस्तान में इस महामारी से अब तक 5 लाख 35 हजार के करीब लोग संक्रमित हुए हैं जबकि 11376 लोगों की मौत हुई है। 

भारत ने कहा-पाक से कोई अनुरोध नहीं मिला
मीडिया रिपोर्टों में भारत-पाकिस्तान रिश्तों की जानकारी रखने वाले लोगों के हवाले से कहा गया है कि इस्लामाबाद यदि आधिकारिक रूप से कोरोना टीके के लिए भारत सरकार से संपर्क करता तो नई दिल्ली इस बारे में जरूर सोचती लेकिन ऐसा लगता है कि इमरान सरकार ने कोरोना टीके की मांग को अपनी प्रतिष्ठा से जोड़कर रखा है। भारत सरकार की तरफ से यह नहीं कहा गया है कि वह अपना टीका पाकिस्तान को नहीं देगा। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि उसे टीके के लिए पाकिस्तान से कोई अनुरोध प्राप्त नहीं हुआ है। 

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