वाशिंगटन: धूप, गर्मी और नमी से ऐसी मौसमी परिस्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं जो कोरोना वायरस के लिए अनुकूल नहीं होंगी और वह फैल नहीं पाएगा। ट्रंप प्रशासन के जन स्वास्थ्य अधिकारी ने यह बात कही है।अमेरिकी गृह सुरक्षा मंत्रालय के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी निदेशालय द्वारा हाल में पूरे किए वैज्ञानिक अध्ययन के परिणाम भारत के लिए कोविड-19 के खिलाफ उसकी जंग में अच्छी खबर साबित हो सकते हैं।इन परिणामों की घोषणा कोरोना वायरस पर व्हाइट हाउस की प्रेस वार्ता के दौरान की गई थी।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विषय पर गृह सुरक्षा मंत्रालय के अवर मंत्री बिल ब्रायन ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मौजूदगी में संवाददाताओं को बताया कि कोरोना वायरस धूप एवं नमी के संपर्क में आने से बहुत तेजी से खत्म होता है। सीधी धूप पड़ने से यह वायरस सबसे जल्दी मरता है। आइसोप्रोपाइल अल्कोहल वायरस का 30 सेकेंड में खात्मा कर सकता है।ब्रायन ने कहा कि अब तक का हमारा सबसे आश्चर्यजनक अवलोकन, सूरज की रोशनी के ताकतवर प्रभाव को लेकर है जो सतहों और हवा दोनों में वायरस को मारने के संबंध में मालूम पड़ता है। हमने इसी तरह का प्रभाव तापमान और नमी के संबंध में भी देखा है जहां तापमान और नमी को या दोनों को बढ़ाना आमतौर पर वायरस के अनुकूल नहीं होता है।
उन्होंने अध्ययन का हवाला देते हुए कहा कि घातक कोरोना वायरस जिसने अब तक दुनिया भर में 1,88,000 लोगों की जान ले ली है और 26 लाख लोगों को संक्रमित किया है, “वह महज अधिक तापमान और नमी के संपर्क में आने से तेजी से मर रहा है। ब्रायन ने कहा कि हम जानते हैं कि गर्मी जैसी स्थितियां ऐसा वातावरण बनाएंगी जहां संक्रमण का प्रसार घट सकता है। और यह हमारे लिए आगे बढ़ने का मौका होगा।
अध्ययन में कहा गया है कि 35 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान और नमी, सतहों पर वायरस के जिंदा रहने की अवधि को आधा कर देती है और 18 घंटों तक जीवित रह सकने वाले इस वायरस को चंद मिनटों में खत्म कर सकती है। अमेरिकी मौसम नेटवर्क के मुताबिक शुक्रवार को भारत में अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेल्सियस के आस-पास रहने का अनुमान है। ब्रायन ने कहा कि जब वायरस धूप के संपर्क में आता है और तापमान 75 डिग्री तथा नमी का स्तर 80 डिग्री से ऊपर रहता है तो यह मिनटों में मर सकता है।