संघाई सहयोग संगठन का आगाज समरकंद में होने जा रहे हैं। करीब साल बाद यह पहला मौका होगा जब सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष एक दूसरे से रूबरू होंगे। ऐसे में सवाल यह है कि क्या भारत के पीएम नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच सीधी बातचीत होगी। एससीओ की बैठक से पहले लद्दाख में चीन भारत सीमा पर स्थित गोगरा हॉट स्प्रिंग्स पीपी-15 से दोनों देशों ने ना सिर्फ अपने ढांचों को हटा लिया है बल्कि चालीस से पचास की संख्या में जो सैनिक मौजूद थे उन्हें भी हटाया गया है। भारत की यात्रा पर आईं फ्रांस की विदेश मंत्री कोलोना से मुलाकात के बाद विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने कहा कि भारत चीन सीमा विवाद से संबंधित एक समस्या कम हुई है। क्या यह दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों के बीच सीधी बातचीत का आधार बनाएगा।
पांच खास प्वाइंट
बीजिंग में है एससीओ का मुख्यालय
बीजिंग स्थित एससीओ मुख्यालय में चीन, रूस, भारत, पाकिस्तान और चार मध्य एशियाई देश - कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, उज्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान शामिल हैं। यह दुनिया का सबसे बड़ा क्षेत्रीय संगठन है, जो यूरेशिया के लगभग 60% क्षेत्र को कवर करता है, विश्व की आबादी का 40 प्रतिशत और वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 30 प्रतिशत से अधिक है।