चीन में विरोध‍ियों का 'सफाया' कर रहे शी जिनपिंग! रिपोर्ट में दावा- खतरे में लाखों पार्टी कैडर्स

Brutal purge in China: चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग पर देश में अपने राजनीतिक विरोध‍ियों के खिलाफ कैंपेन चलाने का आरोप है। बताया जा रहा है कि वह अपने प्रतिद्वंद्वियों को निशाना बना रहे हैं।

चीन में विरोध‍ियों का 'सफाया' कर रहे शी जिनपिंग! रिपोर्ट में दावा- खतरे में लाखों पार्टी कैडर्स
चीन में विरोध‍ियों का 'सफाया' कर रहे शी जिनपिंग! रिपोर्ट में दावा- खतरे में लाखों पार्टी कैडर्स  |  तस्वीर साभार: AP, File Image
मुख्य बातें
  • चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग पर देश में राजनीतिक विरोध‍ियों को निशाना बनाने का आरोप है
  • रिपोर्ट के मुताबिक, शी के प्रतिद्वंद्वियों पर भ्रष्‍टाचार विरोधी मुहिम के नाम पर कार्रवाई की जा रही है
  • बताया जा रहा है कि वैश्विक चुनौतियों के बीच शी जिनपिंग पर घरेलू स्‍तर पर पर भी दबाव बढ़ रहा है

बीजिंग/वाशिंगटन : विगत कुछ समय में कई देशों के साथ चीन के तल्‍ख होते रिश्‍तों के बीच राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग को लेकर एक नया खुलासा सामने आ रहा है, जिसके मुताबिक चीन न केवल अपने पड़ोसी देशों के साथ उलझा हुआ है, बल्कि घरेलू मोर्चे पर भी राष्‍ट्रपति जिनपिंग अपने विरोध‍ियों को निपटाने के अभियान में जुटे हैं। भ्रष्‍टाचार विरोधी कैंपेन के नाम पर ऐसे कई लोगों को निशाना बनाया जा रहा है, जिनसे जिनपिंग को खतरा महसूस हो रहा है और सत्‍तारूढ़ चाइनीज कम्‍युनिस्‍ट पार्टी (CCP) के प्रभावशाली सदस्‍य और सरकारी अधिकारी इस मुहिम को आगे बढ़ा रहे हैं।

चीन में शी जिनपिंग के विरोधियों को निशाना बनाए जाने का दावा 'वाल स्‍ट्रीट जर्नल' की एक रिपोर्ट में किया गया है, जिसके मुताबिक, शी के एक वरिष्ठ सहयोगी ने जुलाई में ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई पर जोर दिया था, जो सिर्फ जुबानी तौर पर सीसीपी के साथ होने का दिखावा करते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, शी के सहयोगी चेन यिक्सिन ने 8 जुलाई को सेंट्रल पॉलिटिकल एंड लीगल कमीशन की एक बैठक में 'यान रेक्टिफिकेशन मूवमेंट' शैली के 'सफाये अभियान' को लेकर बात की थी, जिसके बाद अगस्‍त में दर्जनों पुलिस व न्‍यायिक अधिकारियों के खिलाफ जांच की गई है और उन्‍हें पद से हटाया गया। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि प्रशासन के इस रुख से पार्टी के लाखों कैडर्स जोखिम में हैं।

विरोध‍ियों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई!

'यान रेक्टिफिकेशन मूवमेंट' की शुरुआत चीन में 1942 में हुई थी, जो 1945 तक चला था। यह चीन में व्‍यापक पैमाने पर अपने तरह का पहला वैचारिक आंदोलन माना जाता है, जिसमें लोगों पर आधुनिक चीन के निर्माता माओ जेदॉन्‍ग की विचारधारा थोपी गई। उन्‍हें यह चेतावनी भी दी गई कि वे माओ की सोच व सिद्धांत को ही अपनाएं और इससे पीछे न हटें, अन्‍यथा इसका परिणाम उन्‍हें निष्कासन, यातना और यहां तक कि मौत के रूप में भी झेलना पड़ सकता है। अब एक बार फिर चीन में उसी तरह की अवधारणा देखी जा रही है, जिसमें शी जिनपिंग के विरोधियों को भ्रष्‍टाचार विरोधी मुहिम के नाम पर निशाना बनाया जा रहा है।

यहां यह भी उल्‍लेखनीय है कि चीन में शी जिनपिंग के कार्यकाल में राजनीतिक विरोध‍ियों को निशाना बनाए जाने की बात पहले भी सामने आ चुकी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2012 में शी के सीसीपी महासचिव बनने के बाद से उनके कई राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को निशाना बनाया गया है। उनके कार्यकाल के पहले पांच वर्षों में भ्रष्‍टाचार विरोधी मामलों में लगभग 13.4 लाख अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई। माना जा रहा है कि कोरोना वायरस मसले पर चीन को दुनियाभर में इस समय जो फजीहत झेलनी पड़ रही है और विभिन्‍न देशों के साथ जिस तरह से चीन का तनाव बढ़ रहा है, उसे देखते हुए शी को देश में ही चुनौती मिल रही है और इसलिए अपने विरोध‍ियों को वह एक-एक कर निशाना बना रहे हैं।

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