अमेरिका ने कहा है कि वह पाकिस्तान में संवैधानिक और लोकतांत्रिक सिद्धांतों को शांतिपूर्ण तरीके से बरकार रखने का समर्थन करता है।विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “जैसा कि पिछले सप्ताह मैंने कहा था, हम पाकिस्तान में संवैधानिक और लोकतांत्रिक सिद्धांतों को शांतिपूर्ण तरीके से बरकरार रखने का समर्थन करते हैं।”प्राइस ने कहा, “यह स्थिति दुनिया के हर देश में है। हम किसी राजनीतिक दल के ऊपर किसी अन्य दल का समर्थन नहीं करते। हम बड़े सिद्धांतों का समर्थन करते हैं, हम कानून के शासन तथा कानून के तहत समान न्याय के सिद्धांत का समर्थन करते हैं।”
प्राइस ने दोहराया कि इन आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है कि अमेरिका पाकिस्तान के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है और उसने प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार को गिराने का प्रयास किया।हडसन इस्टीट्यूट में दक्षिण एशियाई विदेश नीति और रक्षा रणनीति की विशेषज्ञ अपर्णा पांडेय के अनुसार, इमरान द्वारा अमेरिकी प्रशासन पर आरोप लगाने वाला भाषण देने से अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों में खटास आएगी।इमरान की मर्जी नहीं चलने पर सब कुछ बर्बाद कर देने की उनकी फितरत से पाकिस्तान के विदेशी संबंधों को नुकसान होगा।इमरान खुद को पाकिस्तान के मसीहा के तौर पर देख रहे हैं और 30 मार्च को दिए उनके भाषण तथा तीन अप्रैल को उन्होंने जो किया उससे यह दिखाई पड़ रहा है। हालांकि, अपने घमंड के कारण वह यह स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं कि उनके पास पाकिस्तान की संसद और लोगों का समर्थन नहीं है।”