Uighurs muslims : चीन अपने यहां उइगर मुसलमानों के अत्याचार से जुड़ी रिपोर्टों को हमेशा खारिज करता आया है। समय-समय पर अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्टों में दावा किया जाता रहा है कि शिनजियांग प्रांत में चीन उइगर मुसलमानों पर बेइंतहां जुल्म करता है और उन्हें डिटेंशन कैंप में रखता है। उन्हें मूलभूत सुविधाएं नहीं दी जातीं। इन्हीं सब दावों की पुष्टि संयुक्त राष्ट्र की हाल की रिपोर्ट में हुई है।
चीन के झूठ से परदा उठाती है रिपोर्ट
मानवाधिकार उल्लंघन पर यूएन की यह रिपोर्ट चीन के झूठ से परदा उठाने वाली और उन्हें बेनकाब करने वाली है। यूएन की इस 48 पन्नों की रिपोर्ट में सिलसिलेवार ढंग से चीन के अत्याचारों के बारे में बताया गया है। यह रिपोर्ट उइगर मुसलमानों पर चीन की क्रूरता से परदा उठाती है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन इलेक्ट्रिक चेयर से बांधकर उइगरों को यातनाएं देता है।
डिटेंशन कैंप में लोगों को भूखा रखा जाता है
डिटेंशन कैंप में उन्हें भूखा रखा जाता है और उन्हें ड्रग दिया जाता है। चीनी सेना के लोग उइगर महिलाओं से रेप करते हैं। उइगर मुसलमानों को बिना कारण के कैंपों में बंद रखा जाता है और उन्हें कोड़े से मारा जाता है। अमेरिका समेत कई देश चीन पर उइगरों का 'नरसंहार' करने का आरोप लगा चुके हैं लेकिन चीन इस बात से हमेशा इंकार करता है। वह अपने ऊपर लगने वाले आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताता है। डिटेंशन कैंप से बचकर बाहर आए लोगों भी चीन के अत्याचार से परदा उठाते रहे हैं।
UN Report on China: उइगर मुुस्लिमों के खिलाफ चीन में अत्याचार...यूएन की रिपोर्ट में ड्रैगन पर गंभीर आरोप
रिपोर्टों को खारिज करता है चीन
यूएन की इस रिपोर्ट को भी चीन ने नकार दिया है। इस रिपोर्ट को उसने राजनीति से प्रेरित बताया है। संयुक्त राष्ट्र में चीन के राजदूत झांग जून ने कहा कि बीजिंग ने बार-बार इसका विरोध किया है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख को चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।