आफगानिस्तान की राजधानी काबुल से जुड़ा है काबुली चना का इतिहास

तालिबान ने पूरे आफगानिस्तान की राजधानी काबुल सहित पूरे देश पर कब्जा कर लिया है। काबुली चने का इतिहास काबुल से जुड़ा है और कैसे पड़ा इसका नाम आइए जानते हैं।

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काबुली चने का इतिहास  |  तस्वीर साभार: BCCL

दरअसल, शुरुआती दौर में अफगानिस्तान के लोग देश में चने बेचते थे। वह एक अच्छे ट्रेडर थे। उन्हीं के नाम पर उनकी तरफ से बेचे गए चनों को लोग काबुली चने कहने लगे और धीरे-धीरे सफेद चनों को काबुली चने के नाम से जाना जाने लगा।

यानी ये चने उगते तो भारत में ही हैं, बस उनका नाम काबुली चना पड़ गया है, क्योंकि शुरुआती दौर में इसे अफगानी ट्रेडर बेचते थे। काबुल अफगानिस्‍तान का सबसे बड़ा शहर और राजधानी है। यह अफगानिस्‍तान का आर्थिक और सांस्‍कृतिक केंद्र भी है। 

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