Modi-Modi slogans in Germany : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज तीन देशों की यूरोप यात्रा पर जर्मनी पहुंचे। पीएम का भव्य स्वागत हुआ। बर्लिन एयरपोर्ट पर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया इसके बाद पीएम ने भारतीय समुदाय के लोगों से मुलाकात की। साल 2022 में ये पीएम मोदी का पहला विदेश दौरा है। 6 महीने बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब विदेश यात्रा पर जर्मनी की धरती पर पहुंचे तो वहां मौजूद भारतीय समुदाय ने दिल खोलकर स्वागत किया। मोदी-मोदी का घोष हो रहा था। भारत माता की जय के नारे लग रहे थे।
पलक बिछाए भारतीयों ने पीएम का भव्य स्वागत किया। हर कोई सेल्फी लेना चाहता था। मोबाइल कैमरे में इस पल को रिकॉर्ड करने की होड़ लगी हुई थी। इस भीड़ में प्रधानमंत्री के कुछ नन्हें फैन भी मौजूद थे उसी भीड़ में पीएम मोदी को एक बच्ची मिली। बच्ची पीएम की तस्वीर बनाकर उन्हें भेट करने आई थी। मोदी को अपना आईकन मानने वाली इस बच्ची से पीएम से बातचीत भी की। बेटी ने अपने आईकन पीएम से बात की तो बेटी की मां की खुशी का ठिकाना नहीं था। बर्लिन में माहौल मोदी मय था। फैन्स और समर्थक पीएम को अपने बीच पाकर गदगद थे। इसी बीच पीएम के सामने एक और बच्चा पहुंचा। बच्चे ने पीएम को देशभक्ति गीत सुनाए। मोदी मंत्रमुग्ध होकर गीत सुनते रहे। बच्चे के साथ गाना गुनगुनाया भी।
रूस-यूक्रेन जंग को लेकर जब ज्यादातर देश 2 धड़ों में बंटे हुए हैं। ऐसे समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 3 यूरोपीय देशों का दौरा काफी महत्वपूर्ण हो जाता है। प्रधानमंत्री जर्मनी के बाद डेनमार्क और अंत में फ्रांस जाएंगे। ये तीनों ही मुल्क रूस-यूक्रेन की जंग में बढ़-चढ़कर यूक्रेन को सपोर्ट कर रहे हैं। वहीं भारत ने अब तक इस मुद्दे पर अपनी नीति तटस्थ बनाकर रखी है। भारत ने साफ कर दिया है पीएम का दौरे को कतई युद्ध से जोड़कर ना देखा जाए। पीएम की जर्मनी में IGC बैठक के साथ जर्मन चांसलर ओलाफ स्कॉलज से मुलाकात की। दोनों नेताओं की ये पहली मुलाकात है।
3 मई को डेनमार्क के 24 घंटों की यात्रा के दौरान पीएम मोदी भारत-डेनमार्क व्यापार गोलमेज सम्मेलन में भाग लेंगे और साथ ही डेनमार्क में भारतीय समुदाय के साथ बैठक भी करेंगे। इसके बाद अपनी यात्रा के अंतिम चरण में प्रधानमंत्री मोदी कुछ समय के लिये फ्रांस में रुकेंगे, जहां वो फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात करेंगे। दोनों देशों के बीच रक्षा और आतंकवाद विरोधी नीति पर बातचीत होगी लेकिन यहां भी रूस को लेकर भारत के संबंधों की छाया बातचीत पर छाई रह सकती है। बहरहाल भारत ने ये साफ कर दिया है। पीएम की यात्रा का मकसद भारत के साथ तीनों देशों का द्वपक्षीय संबंध है और इसमें किसी तीसरे देश के साथ उसके मौजूदा तनाव से जोड़कर देखा नहीं जाना चाहिए।