पाकिस्तान में लहराये गए PM मोदी के पोस्टर! आजादी और अलग 'सिंधुदेश' के लिए मांगी मदद [VIDEO]

दुनिया
किशोर जोशी
Updated Jan 18, 2021 | 10:11 IST

पाकिस्तान इन दिनों कई तरह के संकटों से गुजर रहा है। इस बीच अब ब्लचिस्तान था पीओके के बाद सिंध शहर में आजादी की मांग उठ रही है।

PM Modi's Placards Raised In Pakistan in Pro-Freedom Rally Protesters Demand Creation Of Sindhudesh
आजादी की मांग को लेकर पाकिस्तान में लहराये गए मोदी पोस्टर 
मुख्य बातें
  • पाकिस्तान में देखे गए पीएम मोदी के समर्थन में पोस्टर
  • पाकिस्तान के सिंध प्रांत में उठी अलग देश की मांग, वैश्विक नेताओं से मांगा समर्थन
  • इससे पहले पीओके और बलूचिस्तान में भी इसी तरह की मांग उठती रही है

सिंध (पाकिस्तान): पाकिस्तान में बलूचिस्तान, पाक अधिकृत कश्मीर तथा  सिंध प्रांत में आजादी की मांग जोर पकड़ती जा रही है। रविवार को सिंध में आयोजित एक आजादी मार्च के दौरान प्रदर्शनकारियों ने हाथ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अन्य वैश्विक नेताओं के पोस्टर और तख्तियों को उठाकर प्रदर्शन करते हुए आजादी के नारे लगाए। इन प्रदर्शनकारियों ने वैश्विक नेताओं से आजादी की मांग करते हुए हस्तक्षेप करने का आग्रह किया।

वैश्विक नेताओं के पोस्टर
रैली में अलग से सिंधु देश यानि सिंधुस्तान बनाने की मांग को लेकर नारे लगाए गए। आधुनिक सिंधी राष्ट्रवाद के संस्थापकों में से एक जीएम सैयद की 117वीं जयंती के अवसर पर यहां एक विशाल रैली और विरोध मार्च का आयोजित किया गया जिसमें पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी हुई है वैश्विक नेताओओं की तख्तियों को हाथों में लहराकर आजादी की मांग की गई। प्रदर्शनकारियों ने पीएम मोदी, अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति जो बिडेन, न्यूजीलैंड की पीएम जेसिंडा और अन्य वैश्विक नेताओं के तख्तियों को उठाया और सिंधुदेश की स्वतंत्रता के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की।

पाकिस्तान का अवैध कब्जा

प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि सिंध सिंधु घाटी सभ्यता और वैदिक धर्म का घर है जिस पर ब्रिटिश साम्राज्य द्वारा अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया था और उनके द्वारा 1947 में पाकिस्तान के 'दुष्ट' इस्लामी हाथों को सौंप दिया। सिंध में कई राष्ट्रवादी दल हैं जो एक स्वतंत्र सिंध राष्ट्र की वकालत कर रहे हैं। वे विभिन्न अंतरराष्ट्रीय प्लेटफार्मों पर इस मुद्दे को लगातार उठा रहे हैं और पाकिस्तान को एक ऐसा 'कब्जेदार' बता रहे हैं जो संसाधनों का दोहन करने के साथ यहां रहने वाले लोगों के मानवाधिकारों का उल्लंघन करता है।

दशकों से पीड़ित हैं लोग

मीडिया से बात करते हुए विरोध प्रदर्शन के आयोजक, शफी मोहम्मद बुरफत ने कहा, 'इन लोगों ने हमारे इतिहास और संस्कृति पर बर्बर हमला किया और हनन किया। सिंध पर कब्जा किया गया है और वहा रहने वाले लोगों ने फिर भी अपनी अलग ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखा है। पूर्व और पश्चिम के धर्मों, दर्शन और सभ्यता के इस ऐतिहासिक संश्लेषण ने हमारी मातृभूमि सिंध को मानवता के इतिहास में एक अलग स्थान दिया है।' सिंध में अक्सर पाकिस्तानी आर्मी के अत्याचारों की कहानी सामने आते रहती है। यहां जो भी पाकिस्तान के खिलाफ बोलता है उसे या तो गायब करा दिया जाता है या फिर मार दिया जाता है।
 

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