Russia-Ukraine War: 'अपने ही देश में शरणार्थी बन गए हैं यूक्रेन के लोग, आंखों में छलक रहा दर्द'

Russia-Ukraine War News : टाइम्स नाउ के संवाददाता प्रदीप दत्ता इस समय यूक्रेन के वार जोन में हैं। यूक्रेन के लवीव शहर से वह आंखों देखा हाल सुना रहे हैं। प्रदीप का कहना है कि लवीव शहर में लोगों की मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं।

Russia-Ukraine War: People of Ukraine have become refugees in their own country
यूक्रेन के पश्चिमी शहर लवीव से टाइम्स नाउ नवभारत की रिपोर्ट। 
मुख्य बातें
  • यूक्रेन पर रूस के हमले का आज 13 दिन हो गया है, हर तरफ मची है तबाही
  • यूक्रेन के अधिकारियों का कहना है कि शहरों पर बम बरसा रहा है रूस
  • लाखों की संख्या में लोग बेघर हो गए हैं, अपने लिए तलाश रहे हैं सुरक्षित ठिकाना

Russia-Ukraine War : यूक्रेन में रूसी हमले के आज 13 दिन हो गए हैं लेकिन इस लड़ाई का अंत होता नहीं दिख रहा है। इन 12 दिनों की रूस की गोलीबारी एवं हवाई हमले में यूक्रेन के शहर तबाह एवं बर्बाद हो गए हैं। जहां हमले हुए हैं वहां इमारतें मलबे में तब्दील हो गई हैं, सड़कों पर जले हुए टैंक एवं वाहन नजर आ रहे हैं। आसमान धुआं बर्बादी की तरफ इशारा कर रहा है। सुरक्षित जगह की तलाश में लाखों लोग पलायन कर रहे हैं। यूक्रेन की ताजा हालात काफी भयावह हो गए हैं। यहां की जमीनी हालात का जायजा लेने के लिए टाइम्स नाउ नवभारत के संवाददाता प्रदीप दत्ता भी पिछले कुछ दिनों से लवीव शहर में मौजूद हैं। यहां से वह पल-पल की जानकारी उपलब्ध करा रहे हैं। 

लवीव रेलवे स्टेशन के बाहर लोगों की कतार
प्रदीप का कहना है कि बीते कुछ दिनों में लाखों लोग लवीव शहर और आस-पास के इलाकों में आए हैं। सब अपने लिए एक सुरक्षित ठिकाना ढूंढ रहे हैं। लवीव शहर के रेलवे स्टेशन के बाहर बड़ी संख्या में लोग कतार में खड़े हैं। सभी शहर छोड़कर जाना चाहते हैं लेकिन उन्हें पता नहीं है कि ट्रेन कब आएगा और आ भी गई तो उन्हें चढ़ने का मौका मिलेगा नहीं। फिर भी उनमें एक उम्मीद है। उनकी आंखों में दर्द साफ झलकता है। लोगों पर मुसीबतों का पहाड़ टूट गया है। 

युद्ध के दौरान क्या होते हैं मानवीय गलियारे और क्यों रहता है विवादों से नाता

लवीवी में लोगों को मुफ्त में खाना खिला रहा एक रेस्तरां
प्रदीप का कहना है कि लवीव में मौसम अलग से लोगों की मुश्किलें बढ़ा रहा है। कड़ाके की ठंड और बर्फबारी में लोग रेलवे स्टेशन के बाहर खड़े हैं। ये अपने ही देश में शरणार्थी बन गए हैं। हालांकि, इन परेशानियों एवं चुनौतियों के बीच लवीव में कुछ ऐसे लोग भी हैं जो जरूरतमंदों की मदद करने के लिए आगे आए हैं। शहर में एक कोरियाई रेस्तरां है जो लोगों को मुफ्त में खाना खिला रहा है। रेस्तरां से जुड़े स्वयंसेवक जरूरतमंदों को घर रहने का ठिकाना भी उपलब्ध करा रहे हैं। लोगों की आंखों में दर्द साफ देखा जा सकता है।  

अगली खबर