- भोपाल ट्रैफिक पुलिस का ड्रोन से ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम हुआ फेल
- पुलिस ने कई कट पाइंट बंद किए, हादसे का कारण बनते हैं कट पाइंट
- चालान प्रक्रिया को बढ़ाया जाएगा
Bhopal News: राजधानी भोपाल में ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए भोपाल की ट्रैफिक पुलिस ने ड्रोन की मदद ली थी। इस योजना में ड्रोन की मदद से पता लगाया जाता था कि शहर में कहां-कहां पर जाम जैसे हालात बन रहे हैं। भोपाल ट्रैफिक पुलिस का यह प्लान तो असफल रहा और भोपाल वासियों को भी जाम से राहत नहीं मिली है। भोपाल ट्रैफिक पुलिस अब यातायात व्यवस्था को संभालने के लिए अपने पुराने तरीके को अपनाने जा रही है। ट्रैफिक कंट्रोल के लिए चालान की प्रक्रिया को बढ़ाया जाएगा।
जानकारी के लिए बता दें कि शहर की ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए एसपी स्तर के एक अधिकारी की पदस्थापना की गई है। जिन रास्तों पर जाम लगता था, वहां की स्थिति जानने के लिए पुलिस ने शुरुआत में ड्रोन से जायजा लेना शुरू किया था। ड्रोन सिस्टम से लेफ्ट टर्न, अतिक्रमण, अवैध पार्किंग, कट पाइंट, ट्रैफिक सिग्नल जैसी कई समस्याएं सामने आईं थी, लेकिन समस्याओं का पुलिस समाधान नहीं कर सकी। हालांकि कुछ स्थानों पर पुलिस ने कट पाइंट बंद किए हैं। अफसरों का कहना है कि कट पाइंट होने से दुर्घटना होती है।
चालान की संख्या में बढ़ोत्तरी की जाएगी
जानकारी के लिए बता दें कि आईटीएमएस से रोज ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले 300 वाहनों का चालान बनाया जाता है। अफसरों के मुताबिक इससे रोज 1000 चालान करना होगा। अफसरों का कहना है कि चालानी कार्रवाई बढ़ेगी तो लोग ट्रैफिक नियमों का पालन करेंगे। इससे सरकार के पास रेवेन्यू भी आएगा। मोटर व्हीकल एक्ट की कई धाराएं ऐसी हैं जिसमें तुरंत मौके पर चालान भरा सकता है। इसके बावजूद भी ट्रैफिक पुलिस के अफसर इन गाड़ियों को जब्त कर कोर्ट चालान बना देते हैं। 1000 रुपए का चालान भरकर वह अपनी गलती सुधार सकता था, लेकिन उसके लिए कोर्ट में उसे 5 से 15 हजार रुपए तक जुर्माना भरना पड़ सकता है।
स्थान चिह्नित कर जाम से निपटारा
ज्ञात हो कि चौराहे-तिराहों पर सिग्नल चालू होने पर वहां पुलिस बल ट्रैफिक कंट्रोल नहीं करता है। लेकिन भोपाल के ज्यादातर चौराहों पर पुलिसकर्मी सिग्नल के साथ यातायात संभालते हैं। इन पुलिसकर्मियों का अन्य स्थान और काम में उपयोग किया जा सकता है। भोपाल के डीसीपी ट्रैफिक हंसराज सिंह ने बताया कि शहर के जिन स्थानों पर ट्रैफिक जाम लगता था वहां पहले ड्रोन से निगरानी की गई थी। इस दौरान कई स्थान चिह्नित भी किए गए थे, वहां पर सुधार किया जा रहा है। अब ट्रैफिक दुरुस्त करने के लिए भविष्य में ज्यादा से ज्यादा चालानी कार्रवाई की योजना है।