भोपाल : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नए कृषि कानूनों का विरोध करने वाले राजनीतिक दलों पर सोमवार को निशाना साधा। चौहान ने पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार का एक पत्र दिखाते हुए कहा कि साल 2011 में राकांपा प्रमुख ने एपीएसपी कानून में बदलाव के लिए उन्हें पत्र लिखा था। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार किसानों के साथ खड़ी है और वह उनकी समस्याओं का हल निकालेगी। चौहान ने कहा कि किसान प्रदर्शन के नाम पर देश में अराजकता फैलाने की कोशिश करने वाले लोगों के साथ सरकार कड़ाई से निपटेगी।
2011 में पवार का लिखा पत्र दिखाया
चौहान ने कहा, 'मैं कृषि कानूनों पर आज डीएमके, आप, सपा, अकाली दल, टीएमसी, वाम दलों सहित कांग्रेस के पाखंड का पर्दाफाश करूंगा। कांग्रेस की नाव डूब रही है, इसलिए वे किसानों को गुमराह कर खुद को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। शरद पवार ने 2011 में मुझे पत्र लिखा था। इस पत्र में उन्होंने कहा कि मॉडल एपीएमसी कानून की तर्ज पर एपीएमसी एक्ट में बदलाव करने की जरूरत है ताकि मार्केटिंग, कृषि की बुनियादी सुविधाओं को बढ़ाने में निजी क्षेत्र की हिस्सेदारी बढ़ाई जा सके। पत्र में उन्होंने कृषि व्यापार, उपभोक्ता एवं किसानों के हित में कदम उठाने की बात कही गई थी।'
सरकार किसानों के साथ खड़ी है
मुख्यमंत्री ने कहा, 'सरकार किसानों के साथ खड़ी है। वह किसानों के संदेह को दूर करते हुए इस मसले का हल निकालेगी। किसान प्रदर्शन के नाम पर कुछ तत्व देश में अराजकता पैदा करने की कोशिश कर सकते हैं। हम कानून हाथ में लेने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे।'
कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं किसान
बता दें कि किसान तीन नए कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। मंगलवार को उन्होंने देशव्यापी 'भारत बंद' का आह्वान किया है। इस बंद को करीब-करीब पूरे विपक्ष का समर्थन हासिल है। किसानों के बंद को देखते हुए केंद्र सरकार ने सभी प्रदेशों एवं राज्य सरकारों को गाइडलाइन जारी किया है। दिल्ली में मंगलवार को सभी मंडिया बंद रहेंगी। बंद को देखते हुए मुंबई में सुरक्षा व्यवस्था काफी कड़ी कर दी गई है। इस बीच, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है।