भोपाल: मध्य प्रदेश में पति-पत्नी का सच्चा प्रेम सामने आया है। यहां एक पति कोरोना वैक्सीन के ट्रायल के लिए वॉलेंटियर बनना चाहता था, उसने अपनी यह इच्छा पत्नी के सामने जाहिर की तो वह भी वॉलेंटियर बनने को तैयार हो गई। फिर क्या था दोनों लगभग दो सौ किलोमीटर का सफर तय कर इंदौर से भोपाल जा पहुंचे और उन्होंने वैक्सीन का टीका लगवाया।
इंदौर के मनोज राय और उनकी पत्नी पूजा के वैक्सीन ट्रायल के वॉलेंटियर बनने की कहानी रोचक है। राजधानी में कोवैक्सीन के ट्रायल का तीसरा चरण चल रहा है। पीपुल्स मेडिकल कॉलेज में यह टीका लगाया जा रहा है। मनेाज खुद वैक्सीनेशन के काम से जुड़े हुए है। उनका भोपाल आना जाना होता रहता है।
मनेाज बताते है कि भोपाल प्रवास के दौरान पिछले सप्ताह अधिकारियों से मिला। तब मन में विचार आया कि जब वैक्सीनेशन के काम से जुड़े हैं तो क्यों न वैक्सीन लगवाया जाए, नया अनुभव भी हेागा। टीका लगवाने के लिए आठ दिसंबर को आने के लिए कहा गया। जब पत्नी पूजा से अनुमति मांगी तो उसने भी टीका लगवाने की इच्छा जाहिर की, फिर दोनों भोपाल आ पहुंचे।
मनोज के इस फैसले से माता-पिता कांतिलाल राय और सोनाबाई भी खुश हुए और कहा कि देशहित में काम जरुर करना चाहिए। मनोज बताते है कि मंगलवार को वे अपनी पत्नी के साथ इंदौर से पीपुल्स मेडिकल कॉलेज भोपाल पहुंचे और तमाम चिकित्सकीय औपचारिकताओं के बाद कोरोना वैक्सीन का टीका लगवाया।
भोपाल में कोरोना वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल चल रहा है
संभवत राज्य का यह पहला ऐसा जोड़ा है जिसने कोरोना वैक्सीन लगवाया है। राजधानी भोपाल में कोरोना वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल चल रहा है। इसके लिए वॉलेंटियर की कमी देखी जा रही है और लोगों से वॉलेंटियर बनने की अपील भी की जा रही है। पिछले दिनों राज्य के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने भी कोरोना वॉलेंटियर बनने की इच्छा जताई थी मगर फिट न होने पर वे ऐसा नहीं कर पाए। इसकी वजह यह थी कि उनके परिवार के सदस्य केारोना पॉजिटिव पाए गए थे। नियम है कि जिसके परिवार में किसी को कोरोना होता है तो वह वॉलेंटियर नहीं बन सकता।