- भोपाल से खंडवा तक के ट्रेन के सफर में लगेगा कम समय
- अक्टूबर से इस योजना के पूरे होने का आसार
- भोपाल से खंडवा के बीच के रेलवे ट्रैक पर चल रहा काम
Bhopal Railway Division: भारतीय रेलवे समय-समय पर अपने यात्रियों की सहूलियत के लिए कुछ आवश्यक कार्य करती रहती है। यात्रियों को सुविधा के लिए जो बदलाव लाया जा सकता है, उसके लिए भारतीय रेलवे तत्पर रहती है। भोपाल से खंडवा तक ट्रेन का सफर करने वाले यात्रियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। दरअसल रेलवे इस रूट की ट्रेनों को 130 किमी प्रति घंटे की स्पीड से चलाने की तैयारी कर रहा है। ऐसा होने पर इस रूट पर दाेनों तरफ से चलने वाली 52 ट्रेनों के यात्रा समय में 30 से 45 मिनट के समय की बचत होगी।
बता दें कि, रेल अधिकारियों का कहना है कि, अक्टूबर तक इस योजना को पूरा करने की तैयारी है। ट्रायल सहित अन्य कार्य भी इसी अवधि में पूरे कर लिए जाएंगे। पश्चिम-मध्य रेल जोन के प्रवक्ता राहुल जयपुरियार ने बताया कि, ऐसा पहली बार हो रहा है जब 270 किमी लंबे सेक्शन में ट्रेन की औसत रफ्तार 110 से बढ़कर 130 किमी प्रति घंटे की जाएगी।
मालगाड़ियों की भी स्पीड बढ़ाई जाएगी
मिली जानकारी के अनुसार, वर्तमान में बरखेड़ा-बुदनी सेक्शन के बीच 25 किमी का पहाड़ी व घाट सेक्शन में काम चल रहा है। यह काम अपने अंतिम चरण में है। बारिश के बाद इस सेक्शन की टनल और पूरे रूट पर ट्रेनों की स्पीड को 130 किमी प्रति घंटे कर लिया जाएगा। उसके बाद आगे के सेक्शन में जहां-जहां पर ट्रैक रिन्यूवल की जरूरत है, वह काम शीघ्र पूरा किया जाएगा। फाइनल ट्रायल के लिए कमिश्नर रेलवे सेफ्टी से अनुमति लेकर इस लंबे सेक्शन में ट्रेनों को हाईस्पीड में चलाने की तैयारी है। साथ ही मालगाड़ियों की स्पीड भी औसतन 90 किमी प्रति घंटे तक करने का प्लान है।
बढ़ सकते हैं सप्ताहिक ट्रेनों के फेरे
जानकारी के लिए बता दें, वर्ष-2023 में इस सेक्शन में प्राइवेट ट्रेन चलाने की तैयारी है। इसके लिए टेंडर भी जारी किए गए हैं। इसे देखते हुए रेलवे अब मिशन स्पीड पर ध्यान दे रहा है। इस साल के अंत तक अधिकतर सेक्शनों में ट्रेनों की औसत स्पीड को 110 से बढ़ाकर 130 किलोमीटर प्रति घंटे किया जाएगा। बता दें कि, भोपाल से खंडवा सेक्शन काफी व्यस्ततम सेक्शनों में से एक है। रेल अधिकारियों का कहना है कि, लगातार बढ़ रही यात्री संख्या को देखते हुए भविष्य में ट्रेनों की संख्या भी बढ़ाना जरूरी हो गया है। समय की बचत होने से कुछ साप्ताहिक ट्रेनों के फेरे भी बढ़ाए जा सकेंगे।