हैदराबाद : 64 देशों के राजनयिक एवं राजदूतों ने बुधवार को हैदराबाद स्थित भारत बॉयोटेक के संयंत्र का दौरा किया। भारत बॉयोटेक कोरोना के टीके कोवाक्सिन का निर्माण कर रही है। बॉयोटेक ने अपने टीके का आपात इस्तेमाल करने के लिए सरकार से अनुमति मांगी है। विदेशी राजनयिकों एवं राजदूतों का यह दल बुधवार सुबह नई दिल्ली से विमान के जरिए हैदराबाद पहुंचा। गत दिनों भारत में तैयार हो रहे टीकों की जानकारी सरकार ने राजदूतों को दी थी।
टीके के बारे में राजनयिकों को जानकारी दे चुकी है सरकार
इससे पहले भारत सरकार ने गत छह नवंबर को राजदूतों को कोविड-19 का प्रसार रोकने के लिए अपने द्वारों उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी थी।हैदराबाद के लिए रवाना होने वालों में ऑस्ट्रेलिया, डेनमार्क, ईरान, भूटान, ब्राजील, म्यांमार, स्लोवेनिया, ट्रिनिडाड एवं टोबैगो, दक्षिण कोरिया, अफगानिस्तान, श्रीलंका और अन्य देशों के राजनयिक एवं राजदूत शामिल हैं।
अन्य जगहों पर भी जाएंगे राजनयिक
सूत्रों का कहना है कि इस तरह का यह पहला दौरा है। इसके बाद देश के अन्य संस्थानों में ये राजनयिक जाएंगे। एक अधिकारी का कहना है कि कोविड-19 के रोकथाम के वैश्विक प्रयासों में भारत अपना अहम योगदान दे रहा है। देश में कोरोना के कई टीकों पर काम चल रहा है।
उन्होंने कहा, 'भारत टीकों का निर्माण करने वाला दुनिया का सबसे बड़ा देश है। जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत में तैयार टीके एवं वितरण क्षमता का इस्तेमाल इस महामारी से लड़ने एवं मानवता के हित में किया जाएगा।'
पीएम मोदी ने कुछ दिनों पहले हैदराबाद स्थित भारत बॉयोटेक केंद्र का दौरा कर कोरोना वैक्सीन कोवाक्सिन की तैयारियों का जायजा लिया था।