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सरकारी बैंकों में इस साल अप्रैल-जून में 19964 करोड़ रुपए के फ्रॉड हुए, सबसे अधिक मामले SBI में

Updated Sep 20, 2020 | 18:24 IST

सरकारी बैंको में चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में 19,964 करोड़ रुपए के फ्रॉड हुए। आरटीआई से यह खुलासा हुआ है।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
सरकारी बैंकों में घोखाधड़ी
मुख्य बातें
  • सरकारी बैंको में चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में धोखाधड़ी के 2,867 मामले सामने आए
  • देश के सबसे बड़े SBI में संख्या के हिसाब से धोखाधड़ी के सबसे ज्यादा मामले आए
  • मूल्य के हिसाब से बैंक ऑफ इंडिया में सबसे अधिक धोखाधड़ी हुई

नई दिल्ली : सरकारी बैंको में चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में 19,964 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के 2,867 मामले सामने आए। सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत मांगी गई जानकारी से यह खुलासा हुआ है। आरटीआई कार्यकर्ता चंद्र शेखर गौड़ ने सूचना के अधिकार के तहत रिजर्व बैंक से यह जानकारी मांगी थी। देश के सबसे बड़े भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में संख्या के हिसाब से धोखाधड़ी के सबसे ज्यादा मामले आए। वहीं मूल्य के हिसाब से बैंक ऑफ इंडिया (BOI) धोखाधड़ी से सबसे अधिक प्रभावित रहा।

आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-जून, 2020 में सार्वजनिक क्षेत्र के 12 बैंको में एसबीआई में सबसे अधिक 2,050 धोखाधड़ी के मामले सामने आए। इन मामलों से जुड़ी राशि 2,325.88 करोड़ रुपए है। मूल्य के हिसाब से बैंक ऑफ इंडिया को धोखाधड़ी से सबसे अधिक चोट पहुंची। इस दौरान बैंक ऑफ इंडिया में 5,124.87 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के 47 मामलों का पता चला।

इसके अलावा केनरा बैंक में 3,885.26 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के 33, बैंक ऑफ बड़ौदा में 2,842.94 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के 60, इंडियन बैंक में 1,469.79 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के 45, इंडियन ओवरसीज बैंक में 1,207.65 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के 37 और बैंक ऑफ महाराष्ट्र में 1,140.37 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के 9 मामले सामने आए।

इस दौरान दूसरे सबसे बड़े सरकारी बैंक पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में सिर्फ 270.65 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के मामले सामने आए। हालांकि, बैंक के साथ धोखाधड़ी के मामलों की संख्या 240 रही। अन्य बैंकों की बात की जाए, तो यूको बैंक में 831.35 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के 130, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में 655.84 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के 149, पंजाब एंड सिंध बैंक में 163.3 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के 18 और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में 46.52 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के 49 मामलों का पता चला।

रिजर्व बैंक ने अपने जवाब में कहा है कि बैंकों की ओर से दिए गए ये शुरुआती आंकड़े हैं। इनमें बदलाव या सुधार हो सकता है। रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया कि धोखाधड़ी से जुड़ी राशि का मतलब बैंक को इतने ही राशि के नुकसान से नहीं है।

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