तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
- पीएम ने 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया था
- वित्त मंत्री ने कहा कि पीएम ने इस पैकेज के जरिए भारत को आत्मनिर्भर बनाने का विजन रखा है
- वित्त मंत्री ने कहा कि एमएसएमई परिभाषा को बदला जाएगा। निवेश सीमा का दायरा बढ़ाया जाएगा
नई दिल्ली : कोरोना वायरस संकट से लड़खड़ाई अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार (12 मई) को 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया था। उसके बाद बुधवार (13 मई) को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पैकेज के बारे में विस्तार से जानकारी दी। निर्मला सीतारमण ने कहा कि लंबी चर्चा के बाद कई मंत्रालयों से बात करके पैकेज पर फैसला लिया गया। पीएम ने इस पैकेज के जरिए भारत को आत्मनिर्भर बनाने का विजन रखा है। आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस में खासकर एमएसएमई सेक्टर पर ध्यान दिया गया। नीचे हम बता रहे हैं क्या-क्या जानकारी दी गई।
आर्थिक पैकेज की मुख्य बातें
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 20 लाख करोड़ रुपए के प्रोत्साहन पैकेज का ब्योरा देते हुए कहा कि आर्थिक पैकेज से वृद्धि को गति देने और एक आत्मनिर्भर भारत बनाने में मदद मिलेगी।
- आत्मनिर्भर भारत होने का मतलब दुनिया के अन्य देशों से अपने को काटना नहीं है।
- सूक्ष्म लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसमई) के बिना गारंटी के स्वचालित तीन लाख करोड़ रुपए का कर्ज, 45 लाख एमएसएमई इकाइयों को फायदा होगा।
- टैक्सपेयर्स को 18,000 करोड़ रुपए का रिफंड किया गया, 14 लाख टैक्सपेयर्स को फायदा हुआ
- एमएसएमई को दिए जाने पर लोन को लौटाने के लिए एक साल की मोहलत दी जाएगी, लोन चार साल के लिए दिया जाएगा। दबाव वाले एमसएएमई को 20,000 करोड़ रुपए का (बिना गारंटी के) लोन दिया जाएगा, इससे 2 लाख एमएसएमई लाभान्वित होंगे।
- वृद्धि क्षमता रखने वाली लघु और मझोली इकाइयों में एमएसएमई में एमएसएमई फंड ऑफ फंड के जरिए 50,000 करोड़ रुपए की शेयर पूंजी डाली जाएगी।
- एमएसएमई परिभाषा को बदला जाएगा। निवेश सीमा का दायरा बढ़ाया जाएगा, कारोबार आधारित मानदंड पेश किया जाएगा। इसके तहत 5 करोड़ रुपए तक के कारोबार वाली इकाइयां भी सूक्ष्म इकाइयां कहलाएंगी।
- लघु एवं मझोले उद्यमों के लिए निवेश और कारोबार सीमा बढ़ाने के जरिए उन्हें वित्तीय और अन्य लाभ उठाने की अनुमति दी गई है। 200 करोड़ रुपए तक के लिए सरकारी खरीद को लेकर वैश्विक टेंडर पर पाबंदी होगी। इससे एमएसएमई को सरकारी टेंडर्स में भाग लेने, प्रतिस्पर्धा करने और आपूर्ति करने में मदद मिलेगी।
- कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) कर्मचारी और कंपनियों के अंशदान के लिए सरकार 2,500 करोड़ रुपए देगी, यह प्रोत्साहन योजना अगस्त तक के लिए बढ़ायी गई। 15 हजार से कम सैलरी वाले कर्मचारियों के ईपीएफ का पैसा अगस्त तक सरकार जमा करेगी।
- नियोक्ताओं द्वारा सांविधिक पीएफ योगदान की दर को 12 प्रतिशत से कम कर 10 प्रतिशत किया गया, इससे उनके पास 6,750 करोड़ रुपए की अतिरिक्त नकदी उपलब्ध होगी।
- गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों, आवास वित्त कंपनियों और एमएफआई (सूक्ष्म वित्त संस्थान) के लिए 30,000 करोड़ रुपए के धन के उधार की सुविधा।
- एनबीएफसी को आंशिक क्रेडिट गारंटी योजना के जरिए 45,000 करोड़ रुपए की नकदी उपलब्ध कराई जाएगी।
- बिजली वितरण कंपनियों के समक्ष गंभीर संकट, 90,000 करोड़ रुपए की इमरजेंसी नकदी उपलब्ध कराई जाएगी।
- वेतन को छोड़ कर दूसरे प्रकार के भुगतान पर टीडीएस, टीसीएस की दर 31 मार्च 2021 तक 25% कम की गई, इससे इकाइयों के हाथ में खर्च करने को 50,000 करोड़ रुपए की राशि मुक्त होगी।
- वित्त मंत्री ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए सभी आयकर रिटर्न भरने की समयसीमा 31 जुलाई 2020 और 31 अक्टूबर 2020 से बढ़ाकर 30 नवंबर 2020 कर दी गई है।